आत्मसम्मान का भाव : Atmasamman ka Bhav
कहते है की जब तक जब तक जीएँ आत्मसम्मान के साथ जीएँ।क्या बिना आत्मसम्मान के जीना भी कोई सार्थक जीने की बात है। इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई क्या बोले करे कहे मुझे क्या मानता है आदि इससे अधिक कि मुझे कौन खुद से बेहतर जान सकता है। हमारे भव-भवान्तर से अर्जित…