कहते है की जब तक जब तक जीएँ आत्मसम्मान के साथ जीएँ।क्या बिना आत्मसम्मान के जीना भी कोई सार्थक जीने …
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मकर संक्रान्ति : Makar Sankranti
मकर संक्रान्ति का पर्व मंगलकारी हैं । आत्म रमण की सुखद सवारी है ।॥ध्रुव ॥ १)शान्त तरंगें बन मन की …
छोटी-छोटी बातें : Choti-Choti Baatein
बात तो है कुछ छोटी-छोटी लेकिन उन बातों का सार सागर की तरह है और उनके सामने लम्बी-चौड़ी बातें निस्सार …
आज की हकीकत : Aaj ki Haqeeqat
आज के समय में मानव की हालत यह हो गई हैं की उसे फुर्सत ही नहीं है । इतनी मानव …
भय : Bhay
मैंने मेरे जीवन में देखा अनुभव किया है कि मानव गलत करता है या और कोई अपने कृत कर्मों आदि …
स्वस्थ चिन्तन : Swasthya Chintan
संसार विविधताओं का संगम है और धर्म जीवन की शाश्वत अपेक्षा है । जोश और होश हमेशा जीवन में रहे …
ज्वर : Javar
कहते है की जिसने जीवन में सत्य को स्वीकार किया , आर्त्त रोद्र ध्यान का परिहार्य किया ,धर्म ध्यान को …
जीवन : Jeevan
इस जीवन में ज़िंदगी जीने के अलावा भी बहुत कुछ है । यों ही जीवन जीने के अलावा भी इसमें …
बात तो भावना की है : Baat to Bhavna ki Hai
कहते है शब्दों की तुलना में उसमें निहित बात की भावना की क़ीमत ज्यादा है । कभी – कभी मैंने …