डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद गांव की दशा बदलने के लिए 24 साल की उम्र में बनी गांव की सरपंच

डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद गांव की दशा बदलने के लिए 24 साल की उम्र में बनी गांव की सरपंच

कहा जाता है कि यदि मां पढ़ी लिखी है तो परिवार पढ़ा लिखा होगा। इसी संदर्भ में विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी शासक नेपोलियन बोनापार्ट ने भी कभी कहना था कि यदि मां शिक्षित नहीं है तो उस राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं है क्योंकि एक स्त्री परिवार में तीन रूप में अपनी भूमिका निभाती है। आरंभ…