आज के दौर में इंसान और जानवरों के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ जानवरों को प्रताड़ित करने की खबरें और वीडियो भी समय-समय पर वायरल होते जाते रहते हैं। इन सारी खबरों को देख कर मन में सवाल उठता है कि क्या मानव इतना संवेदनहीन हो गया है?
एक वक्त था कुत्ते को मनुष्य का सबसे अच्छा वफादार दोस्त समझा जाता था। लेकिन आज कुछ हिंसक लोगों की वजह से लोग कुत्ते के साथ क्रूरता कर रहे हैं। लेकिन हर जगह बुराई के साथ अच्छाई भी होती है। इसी तरह दुनिया में नकारात्मक मानसिकता के साथ सकारात्मक मानसिकता वाले लोग भी हैं।
जानवरों को लेकर संवेदना को दर्शाने के लिए लोग अपने पालतू जानवरों की भावनाओं को समझने की सफल कोशिश करते हैं। ऐसे में एक नाम है Rashi Narang का। राशि पालतू जानवरों की भावनाओं को समझ कर उनके लिए काम करने को ही अपनी जिंदगी का लक्ष्य बनाया है।
उनके इस काम से उन्हें एक अलग ही पहचान मिल गई है। पालतू जानवरों से ही उन्हें आइडिया मिला और उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया। आज उन्होंने इसमें तीन मिलियन डॉलर का निवेश मिल चुका है।
Rashi Narang बताती हैं कि बचपन में उनके परिवार में डॉग पाला जाता था। तो उन्होंने बचपन से ही परिवार में कुत्तों को संभालते देखा है। बचपन से ही उन्होंने जानवर की भावनाओं को सीखना भी अपने परिवार से ही सीखा।
यह जानवर या पालतू जानवर, जानवर न होकर उनके परिवार का हिस्सा हुआ करते थे। इसलिए राशि ने सोचा कि उन्हें पालतू जानवरों की भावनाओं को समझना चाहिए और उसी के अनुसार काम करना चाहिए।
Rashi Narang को बचपन से ही पालतू जानवरों से लगाव रहा है। उनका यह शौक बड़े होने के साथ ही जुनून में बदल गया। उन्होंने अपनी लाइफ में तारा नाम की एक डॉगी को अपने घर में जगह देने के साथ इस दिशा में काम करना शुरू किया।
राशि अपनी डॉगी को कुछ अच्छा खरीदना चाहती थी लेकिन उन्हें कुछ अच्छा नहीं मिल पा रहा था। तब तारा के लिए कुछ अलग करने की सोच से राशि ने कुछ नया सोचा और इसकी शुरुआत Heads up for tails नाम के व्यवसाय से की।
22 वर्ष की उम्र में राशि ने यहां काम पालतू जानवरों के लिए कुछ बेहतर करने के मकसद से शुरू किया था। तब उन्हें नहीं पता था कि वह लाइफ में क्या करने जा रही हैं। उन्हें उस वक्त सिर्फ इतना पता था कि पालतू जानवरों की सुविधा के लिए वह काम करने जा रही है।
जिसमें प्रमुखता उनकी भावनाओं को समझना है। राशि के इस काम में परिवार का समर्थन भी मिला और वह आगे बढ़ने लगी। Rashi Narang बताती हैं कि हम जानवरों के लिए कपड़े डिजाइन करने का काम शुरू किए। जिसे अलग-अलग मौसम और अवसर के अनुसार उन्हें पहनाया जा सके।
इस काम में उनके सामने कई चुनौतियां आई क्योंकि वह किसी इंसान के बारे में नहीं बल्कि पालतू जानवरों के लिए कपड़े और खाने की चीजें बनाने के बारे में सोच विचार कर रही थी
राशि ने जब काम शुरू किया तो कुछ ही समय बाद राशि की शादी हो गई और उनके पति विदेश में रहते थे तो राशि को भी विदेश जाना पड़ा।
इस दौरान Rashi Narang में अपने व्यवसाय को बंद नहीं किया बल्कि अपने कुछ भरोसेमंद साथियों की मदद से अपने काम को विदेश से भी जारी रखा। भारत वापस लौट कर आने के बाद राशि फिर से दुगनी गति से अपने काम में जुट गई।
वह दिल्ली, बेंगलुरु, सहित देश के अलग-अलग स्थानों पर पालतू जानवरों के लिए कपड़े डिजाइन करने और न्यूट्रिशन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्टोर खोलें।
इस स्टोर में पालतू जानवरों के लिए क्या सही है क्या गलत जैसे सभी जानकारियां मिलती थी। लोग अपने पालतू जानवरों के लिए मौसम के अनुसार डिजाइन कपड़े खरीदने के लिए यहां पर आते थे।
Rashi Narang इस बारे में एक किस्सा बताती हैं। एक बार उनके यहां एक कस्टमर आते हैं उन्हें अपने pet डॉगी के लिए ऐसे कपड़े चाहिए थे जो शादी में पहनाया जा सके।
यह राशि के लिए काफी अलग और अनोखा काम था। फिर उनकी टीम ने उनके लिए एक सुंदर सी ड्रेस बनाई ।जब उन्होंने ड्रेस को पहनाकर पेट्स की तस्वीर भेजिए तो हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था।
आज ऑनलाइन मार्केट में भी पेट्स के लिए राशि अलग-अलग तरह के सामान ला रही हैं। जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। सफलता की ऊंचाइयों पर जाने के बाद भी राशि विनम्रता से कहती हैं हमने केवल शुरुआत की है ।
आने वाले दिनों में कुछ नया करना है और सबसे जरूरी है जानवरों के साथ होने वाली क्रूरता को रोकना है और उनकी भावनाओं को समझना है। क्योंकि यह बेजुबान बोल नहीं सकते हैं। हम उनके हाव-भाव से ही उनसे बातचीत कर सकते हैं।
Rashi Narang और उनकी टीम जानवरों पर होने वाली क्रूरता का विरोध करती हैं और लोगों से आग्रह करते हैं कि जानवरों को मारे नही बल्कि उनकी देखभाल करें।
अपने अनोखे विचार को आगे बढ़ाते हुए Rashi Narang इस क्षे दिन-ब-दिन सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही हैं साथ ही बेजुबान जानवरों के लिए लगातार काम भी कर रही हैं ।