दें सदा स्वस्थ सोच को आमंत्रण

हमारा जीवन हमारी सोच के इर्द – गिर्द ही रहता है । जैसे हमारे सोच-विचार होंगे वही हमारे कर्म-आधार होंगे …

सत्-चित्त-आनन्द है परमानन्

यदि किसी के पास स्वस्थ इन्द्रियाँ, स्वस्थ दिमाग और तंदुरुस्त शरीर आदि है तो वह मानव को प्रकृति प्रदत्त बेशकीमती …