हमारा जीवन हमारी सोच के इर्द – गिर्द ही रहता है । जैसे हमारे सोच-विचार होंगे वही हमारे कर्म-आधार होंगे …
Author: admin
समझें हमारा असली स्वरूप
प्राय:आदमी यही समझते हैं कि हम स्वयं हाड़-माँस का कलेवर हैं और कुछ नहीं जिसको भगवान ने साँस रूप का …
रतन टाटा की परिवर्तनकारी नेतृत्व शैली : ईमानदारी और नैतिकता से कॉर्पोरेट जगत में मिसाल
रतन टाटा को आम तौर पर एक उच्च नैतिक व्यवसायी और भारतीय कॉर्पोरेट जगत में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप …
जीवन की मूल्यवान निधि : Valuable Treasure of Life
हमारे जीवन की सबसे मूल्यवान निधि अगर कुछ है तो वह मन की शांति है | कहते भी है कि …
सत्-चित्त-आनन्द है परमानन्
यदि किसी के पास स्वस्थ इन्द्रियाँ, स्वस्थ दिमाग और तंदुरुस्त शरीर आदि है तो वह मानव को प्रकृति प्रदत्त बेशकीमती …