आज हम बात करने वाले हैं एक किसान के बेटे अभय पटेल के बारे में जिन्होंने यूपी बोर्ड की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया है , इस कार्य से उनके परिवार और परिजनों का प्रसन्न हो गया है और खुशी का माहौल बना हुआ है ।
अगर दिल में कुछ कर जाने का जुनून हो तो रास्ते में आने वाली सभी मुसीबतें पार करना काफी आसान हो जाता है अन्यथा कठिन परिस्थितियों से लड़कर सफलता को हासिल करने के बाद का एहसास ही अलग होता है अथवा कुछ इस प्रकार का ही कार्य करके दिखाया है एक किसान के बेटे अभय पटेल ने यूपी बोर्ड में 576 अंक लाकर दसवां स्थान हासिल किया है इसके साथ ही साथ अभय ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है ।
बातचीत के दौरान अभय पटेल बताते हैं कि महामारी के समय इंटरनेट की सेवाओं में काफी अधिक दिक्कत आ रही थी इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई करना हमारे लिए काफी मुश्किल हो रहा था परंतु फिर भी सभी दिक्कतों को पार करके हमने अपनी पढ़ाई को पूरा किया और कड़ी मेहनत और लगन से इस परीक्षा में 10 वा स्थान हासिल किया है ।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा देखा गया है कि हमेशा ही शहर के बच्चे हैं परीक्षाओं में अव्वल स्थान हासिल कर पाते हैं परंतु आज इस गांव के एक किसान के बेटे ने आज दसवीं के बोर्ड में दसवां स्थान हासिल करके यह साबित कर दिया है कि शिक्षा का संबंध किसी प्रकार से भी गरीबी और अमीरी से नहीं होता है।जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अभय पटेल अपने परिवार संग यूपी के हरदोई में रहते हैं।
अभय के पिता एक किसान हैं
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अभय पटेल के पिता के पास उनके पैतृक की 10 बीघा जमीन है , अन्यथा इसी जमीन पर अभय पटेल के पिता खेतीबाड़ी करते हैं और खेतीबाड़ी से ही अपने पूरे परिवार का पालन पोषण करते हैं ।
एक किसान होने के बावजूद भी इस किसान पिता ने अपने सोच को उच्च रखा और अपने बेटे की पढ़ाई में कभी कुछ कमी नहीं आने दी लगातार अपने बेटे को पढ़ाई करने और सफल होने के लिए तत्पर करते रहे ।
अन्यथा माता-पिता के सपोर्ट के कारण ही आज किसान के बेटे अभय पटेल ने निडरता को पीछे छोड़कर लगातार मेहनत और संघर्ष से यूपी की दसवीं बोर्ड की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल करके अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है अन्यथा पूरा परिजन खुशी का माहौल बना हुआ है ।
अभय का सपना है कि वह 1 दिन डॉक्टर बने
अभय पटेल अपनी कामयाबी को लेकर के कहते हैं कि कामयाबी को हासिल करने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि हम सारा दिन पढ़ते ही रहें अन्यथा यह आवश्यक है कि हम जितना भी पढ़े मन लगाकर पढ़े, और इसी प्रकार हम सफलता को हासिल कर पाते हैं ।
इसी के साथ ही साथ अभय पटेल अपने फ्यूचर की पढ़ाई के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उन्होंने मेडिकल लाइन को चुना है वह मेडिकल लाइन में जाकर लोगों को अपनी सेवा देना चाहते हैं अन्यथा अभय का सपना एक डॉक्टर बनने का है । इसके साथ ही साथ अभय अपने शुरुआती सफलता में अपने परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं ।
हमें उम्मीद है कि आगे जाकर भी अपने परिवार का नाम इसी प्रकार रोशन करेंगे, अन्यथा इसके साथ ही साथ अभय ने अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता और अपने गुरुजनों का आभार प्रकट किया है अर्थात वह अपने प्रिय शिक्षक को कहना चाहते हैं कि उनके द्वारा सिखाएं हुए शब्दों से ही आज वह दसवीं बोर्ड की परीक्षा में दसवां स्थान हासिल कर पाए हैं ।