मौसम के बदलाव के साथ तैयार रहे। गर्मी के मौसम में हमारे पेड़ पौधों के लिए भी कुछ खास रखरखाव की आवश्यकता होती हैं वैसे तो आमतौर पर पानी देना खाद देना बहुत होता है परंतु यदि हम चाहते हैं कि हमारे पेड़ पौधे इस गर्मी में भी हरे-भरे रहे तो हमें कुछ ऐसे प्रयोग भी आजमाने चाहिए जिससे हमें अच्छे रिजल्ट प्राप्त हो।
री –पोटिंग ( Repotting ) करना
गर्मियों में अक्सर देखा गया है हम पेड़ों में पानी बहुत डालते हैं फिर भी यह सुख जाते हैं । इस प्रकार पेड़ों की मिट्टी बार-बार ना सुख और उनमें नमी बनी रहे इसीलिए हमें कोकोपीट का इस्तेमाल करना चाहिए।
यह मार्केट में अवेलेबल होता है या फिर आप नारियल की जटाओं को पानी में गला कर कूट कर बुरादा बना ले फिर उसे मिट्टी और खाद के साथ एक मिश्रण तैयार कर ले, और पेड़ों की रि पोंटिंग करते समय इस मिट्टी का प्रयोग करें। पौधों की रिपोर्टिंग करने से गर्मियों में भी अधिक तापमान में यह नहीं सूखेंगे।
कटिंग से करें देखभाल
अधिकांश देखा गया है गर्मी के मौसम में पौधों की कुछ टहनियां और पत्ते सूख जाते हैं इन पत्तों को और टहनियों को पौधों में लगा ना रहने दे इन्हे विशेषता कटिंग कर कर निकाल देना चाहिए। सुख और मुरझाए हुए पत्तियों के हटने से पौधों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होने लगते हैं और यह कटाई छंटाई हमें गर्मी की शुरुआत से ही कर देनी चाहिए।
खरपतवार नियंत्रण
पेड़ पौधों की देखभाल करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है कि पौधों के आसपास लगी खरपतवार को हम अलग कर दें,इस बात का विशेष खयाल पौधों के पास खरपतवार जमा न हो पाए क्योंकि खरपतवार पौधों को पोषक तत्व मिलने नहीं देती और आसपास कीड़े और बीमारियों को भी आश्रय देती है जिससे कभी-कभी पौधों में भी कीड़े लग जाते हैं इसके कारण हमें कीटनाशक का प्रयोग करना पड़ता है।
मल्चिंग प्रक्रिया द्वारा रख रखाव करना
यह पौधों के रखरखाव करने की एक तकनीक है, उचित रूप से प्रयोग किए जाने पर यह पेड़ पौधों के लिए फायदेमंद साबित होती है। गर्मियों के मौसम में मिट्टी की नमी को बरकरार रखने के लिए पौधों के आसपास मिट्टी की सतह पर सूखी पत्तियां घास, धान का पुआल ,आदि की एक परत चढ़ा दी जाती हैं, जिससे लंबे समय तक पौधों की जड़ के आसपास नमी बनी रहती है यह जल्द सूखती नहीं । इसी प्रक्रिया को मल्चिंग कहते हैं।
पौधों के लिए उपयुक्त छांव
बड़े-बड़े पेड़ गर्मी सोख लेते हैं लेकिन गमले में लगे छोटे पौधे अधिकांश लू की चपेट में आ जाते हैं। इसीलिए हमें घर में ही ऐसा स्थान तैयार करना चाहिए जहां छांव के सहारे हम छोटे पौधों को रखकर गर्मी में सूखने और लू लगने से बचाए और यदि कोई ऐसा स्थान नहीं है तो हमें घर में ही ग्रीन नेट का प्रयोग या जालीदार पर्दा सूती कपड़े से तैयार कर लेना चाहिए।गर्मी में जमीन में लगे पौधों को इसे ढाका जा सकता है।
पौधे भी धूप से झुलस जाते हैं ,इन्हें सुरक्षित करना भी बेहद जरूरी होता है इसीलिए गर्मी आने से पहले ही हम हमारे पेड़ पौधों के लिए ऊपर दिए गए प्रयोग अवश्य करें।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश