कहते है कि जीवन में कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है । एक चींटी कितनी बार पहाड़ पर चढ़ती है गिरती है लेकिन कोशिश करते – करते चींटी आखिर अपनी मंजिल पहाड़ पर चढ़ जाती है ।
हर सफल व्यक्ति जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है, क्योंकि हर छोटी-बडी चीज को जानने, समझने और उस पर विचार करने की कोशिश ही उन्हें सफलता के मायने समझाती है।
वैसे, यह भी एक सच्चाई है कि विचारों का यही मंथन इंसान को न केवल ज्ञान के नए-नए स्वरूप से परिचय कराता है, बल्कि कामयाबी की नई-नई राहें भी दिखलाता है।
जहाँ दो बरतन रहते, उनका आपस मे टकराना तो सम्भव है फिर भी हर बरतन का अपना-अपना महत्व है और वह एक ही रसोई मे साथ-साथ रहते है । मनुष्य मन भी बरतन के समान हैं जो टकराव के बाद भी एक-दुसरे के लिए जरुरी हैं तो कभी कटुता का मैल हम क्यों जमाये, बस बात आई-गई करनी अपनी मजबूती हो , सरल मन ही इसकी सबसे बङी कुंजी है ।
बीती बातों को भूलकर नयी शुरुआत ही अच्छे इंसान की पहचान है ।रात बीती बात बीती अब आगे बढ़े । माधुर्य के नव बीज बो देने की।बीती ताहि बिसार देने की और मनों के उजड़े नीड़ को फिर से बसा देने की कोशिश होनी चाहिए।
दुनिया का क़ायदा हैं कि ज़मीर पे लगी चोट छुपा के रखने कि यूँ उस दर्द को जाया नही करते हैं ।हार कर ख़ुद से फिर दुनिया से , जीत का जश्न मनाया नही करते हैं । माना की थक कर बैठे हो पर हार कर नहीं !
अरे सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है. ज़िन्दगी नहीं.. तो क्यों माने हम हार ?? क्या पता कामयाबी एक और कोशिश का इंतज़ार कर रही हों…शायद इसलिए ही बार – बार जीतने वाला जब जीतता है तो हेडलाइन बनती है लेकिन जब बार बार हारने वाला अपनी सकारात्मकता कोशिश कर करके जीतता है तो वह इतिहास बनता है ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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