सादा जीवन उच्च विचार ! है जिसकी पहचान !बैरिस्टर होके भी काते चरख़ा ! करे निज श्रम से जीवन यापन ! हिंसा से कोसो दूर ! अहिंसा जिनकी थी जान !
हैं वे महात्मा मोहन लाल करमचंद गांधी !कहलाते है राष्ट्रपिता भारत के ! कहते सब उनको बापू । इसी तरह के और सिद्धों , बुद्धों से तपित पावित भूमि हमारे भारत की हर दृष्टि से अतुल्य हैं ।
भारत को आचार्यों , ऋषियों व मुनियो की धरती कहा गया हैं क्यूँकि महावीर व बुद्ध आदि जैसे भगवान इसी धरा पर हुए हैं ।
भारत ऋषि मुनियो एवं अनेक संत – महात्माओं के द्वारा सिंचित , पोषित भूमि हैं ।इस भूमि की महक इतनी अच्छी हैं की हमें आज भी पाँव पाँव चलने वाले सूर्य , तीर्थंकर के प्रतिनिधि , ज्योतिपुंज , शांतिदूत , महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी आदि अपरिग्रही , त्यागी सन्त महात्माओं का लगातार सानिध्य प्राप्त हों रहा हैं ।
भारत विविधता में एकता का देश हैं ।वसुधैव कूटुम्बकुम भारत की परंपरा का मुख्य हार्द हैं ।यहाँ पर विभिन्न सम्प्रदाय के लोग अपनी भिन्न -2 मान्यताओं आदि का पालन करते हुए भी परस्पर , प्रेम , सौहार्द आदि से रहते है ।
भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली का शासन चल रहा हैं । भारत कृषि प्रधान देश हैं । भारत की शिक्षा प्रणाली व योग्यता आदि सर्वोतम हैं ।
भारत में शिक्षित ,प्रशिक्षित अनेक प्रतिभाये भारत तथा अन्य देशों में व्यापार , लोकतंत्र तथा तकनीक आदि में अपनी विशिष्ट योग्यताये रख रहे हैं ।
इसके साथ -साथ भारतीय लोग परस्पर , प्रेम , स्नेह , सदभावना , दयालुता आदि अनेक कारणों से भारत तथा विश्व में कही पर हों अपना विशिष्ट स्थान भी रखते हैं ।
बार बार युद्ध हार जाने पर भी महाराणा प्रताप जैसे योंद्धा कभी हिम्मत से नहीं हारे है ऐसे मजबूत मनोबल वाले अनेको वीरों जिनकी हर समय गूंज रही हैं उनकी वीरता वाली भूमि हैं भारत ।
भारतीय ॠषि-मुनियों की विशेष देन योग है ।आध्यात्मिक, शारीरिक,मानसिक उर्जा का श्रोत योग है। स्वस्थता एवं दीर्घायु का भी सुयोग योग है ।
योग करता है सकारात्मकता की अभिवृद्धि, बढ़ाती है हमारे चित्त वृत्तियों की निरोध शक्ति वह मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बढाता है।
मन में जमे अवांछित विचार मिटाता है। समाज मे अच्छाई और बुराई दोनों हमेशा साथ साथचलती है।कभी भी कोई भी ऐसा समय नहीं हो सकता जब सिर्फ अच्छाई या सिर्फ बुराई ही हो ।
अनेकांत दृष्टिकोण से भारत के लोग हर दृष्टि से हर समय मिल कर रह रहे है। गुंथित शुभ उद्देश्य से भारत के अनेको त्योंहार है जिसमें हमें प्रेरणा मिलती है कि होती है सदा गलत कार्य की हार ।
नव उमंग उल्लास हमारे जीवन में लगातार यह पर्व लाते हैं दशहरा जैसे अनेको पर्व ।इस तरह अनेको विशेषताओ के कारण भारत अतुल्य हैं।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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