भाग -1
मेरे सपनों का भारत का चिन्तन आते ही मेरे मन में नित नई – नई कल्पनाएँ उभरती है । भारत कृषि प्रधान देश है जो विविधता में एकता को अपने में समाहित कर रखा है ।
भारत देश ऋषि मुनियो के चरण कमलो से पावित पवित्र धरा है | यहाँ कितने- कितने तीर्थंकरों केवलियों आदि – आदि ने तपस्या साधना आदि से कर्मों का क्षय कर मोक्ष श्री का वरण किया है ।
मेरे चिन्तन से मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश होगा जहाँ लोग ख़ुशहाली से जीवन व्यतीत कर सुरक्षित रहेंगे और उन्हें अपने अच्छे जीवन की गुणवत्ता का आनंद मिलेगा ।
वह देश में लोगों के बीच आपसी प्रेम और सद्भाव होगा और सभी लोग एक-दूसरे को समझने को व मदद करने के लिए तैयार रहेंगे. यहाँ भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, ग़रीबी, और अशिक्षा आदि – आदि जैसी समस्याएं नहीं होंगी ।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ सभी संस्कृतियों और धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। भारत में सभी पर्व का अपना खास आकर्षण होता है ।
भारत की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी युवा है । मुझे मेरे मन में लगता है कि हम में से प्रत्येक ने भारत के किसी न किसी रूप के बारे में सपना अवश्य देखा है।
जाहिर है, हम कभी भी किसी भी चीज़ के बारे में सपना देख सकते हैं, और भारतीय नागरिक के रूप में, हम अपने देश को बेहतर बनाने और एक बेहतर भारत देखने के तरीकों की लगातार तलाश कर रहे हैं। हमारे महान देश के लिए शांति और समृद्धि उम्मीदें हैं।
भारत एक महान देश तब बनेगा जब यहाँ का हर नागरिक अनुशासन और विनम्रता आदि में रहकर कानून के शासन का सही से सदैव पालन करेगा , वह अपने परिवारों के साथ सुख- शांति के साथ रहकर स्वयं उदाहरण बन राष्ट्र के विकास में योगदान करेगा ।
वह भारत को एक बेहतर जगह विश्व में बनाने के लिए कुछ स्वयं करेगा वह दूसरों को सहयोग देगा । मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश होगा जहाँ महिलाएँ कभी भी स्वतंत्र रूप से चल सकेंगी व आना- जाना कर सकेगी व सुरक्षित होंगी ।
साथ ही, यह एक ऐसा स्थान होगा जहाँ सभी को समानता की स्वतंत्रता होगी और हर कोई अपने सच्चे अर्थों में इसका आनंद ले सकेगा।
( क्रमशः आगे)
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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