हौसलों में अगर उड़ान हो तो मंजिल निश्चित है, जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी लेकिन फिर भी मंजिल मिलना निश्चित है तभी तो कहते है कि हमारे हौसलों में अगर उड़ान है तो हमारे जीवन में कोई भी राह असम्भव नहीं है ।
हम जीवन में कोशिश करने से नहीं चूके क्योंकि हमारी कोशिश ही सफलता की सीढ़ी है । वह हौसलों की ये उड़ान है जो काल भाव से कोशिशों की और अग्रसर रहने की हमारी जान है ।
यह स्वयं स्फूर्त चेतना ही,अपने गंतव्य पथ पर अविराम गतिमान बनी रहती है। जल की प्रचंड तेजधार ही, हर बाधा को चीर कर अंतिम सांस तक बहती है।
हमारा उद्देश्य जब केवल सात्विक, पारमार्थिक तथा सबजन हिताय का होता है तब ही उस उत्साह की पवित्र श्रम बूंदे , महोत्सव की गौरव गाथा कहती है।
हम अगर उस वक़्त मुस्कराते रह सकते है जब हम पूरी तरह टूट चुके हो तो यकीन कर लो कि दुनिया में हमको कोई भी कभी भी नहीं तोड़ सकता है ।
अतः मुस्कुराना हर किसी के बस का नहीं है, मुस्कुरा वो ही सकता जो दिल का अमीर हो, मस्त रहो मुस्कुराते रहो वह सबके दिलों में जगह बनाते रहो।
जिन्दगी में अचानक आने वाले बदलाव या समस्या से विचलित न होने वाले ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं, यह महत्वपूर्ण प्रश्न है कि समस्या अथवा बाधा उत्पन्न होने पर उससे निपटा कैसे जाए ? कई लोग कुछ संकट आने पर हाथ-पैर छोड़ देते हैं, निराश हो जाते हैं ।
अतः समस्याओ से घबराकर एवं भयभीत होकर भागने वालों के लिये समस्याएं बढ़ती ही जाती है, हम विषम परिस्थिति में भी सम रहते हुवें, हर पल मुस्कराते रहना चाहिए क्योंकि दुनिया का हर इंसान खिले चेहरो एवं खिले फूल को ही पसंद करते है।
कस्तीयां किनारे लग गई, जिन्होंने तूफानों में धैर्य नहीं खोया। अंधेरे से लङता रहा वो रात भर,एक पल को भी नहीं सोया। धैर्य का अवतरण जिस किसी की भी, जिंदगी में हो गया समझ लो व्यर्थ मे उसने, अपनी जिन्दगी का भार नहीं ढोया।
अतः हम अपने दृष्टिकोण का संतुलन बैठाकर अपने जीवन को हर मोड़ पर सफल बनाने का प्रयास करें,समझदार आदमी परिस्थितियों के सामने घुटने टेकने की बजाय उसे वरदान मानकर सफल जीवन जीता है , क्योंकि समय बीतने के बाद कभी भी वापस नहीं आता है लेकिन यह हमारे हाथ मे है कि हम उन लम्हों की यादों को खुशनुमा बनाकर ताउम्र सदाबहार रह सकते हैं।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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