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प्रिय वर्ष- २०२४ भाग-3

प्रिय वर्ष- २०२४ भाग-3
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जो मानव को संघर्ष में डाल कर उसको हीरे की तरह तराशता है, उसको अपनी चमक बिखरने के लिए मजबूर कर देता है, इसलिए जो अप्रत्याशित घटित हुआ,या मिली असफलता, तो उसे भुलाने का सही से प्रयास करो और जीवन में आगे का सोच कर खुश मन से बढ़ने का प्रयास करो।

अतः वास्तव में व्यक्ति किसी भी तरह की सफलता से प्राप्त संतुष्टि को अगर व्यक्त करता है, तभी सही तरीके में वो सफल कहलाता है। हमारे मन के किसी कोने में यह प्रश्न आ सकता है कि जीवन वास्तव में क्या है ?

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हमको विधाता ने सुकर्मों के पारितोषिक स्वरूप जीवन दिया है। हमारा जीवन सौंदर्यमय है , आनन्दमय है , हम इसे जानें, समझें और अनुभव करें और सदा आनन्द से जिएँ। वह दूसरी तरफ हमारा !

जीवन एक चुनौती भी है , एक महान कर्तव्य भी है , इसे सोत्साह सामना करते हुए पूरा करें। हमारा जीवन साहस भरा खेल है , एक संघर्ष भी है। हम जीवन में सदा इसे हिम्मत और बुद्धि से खेलें और जीतें। हमारा जीवन एक बहुत ही शुभ कर्मों के योग से मिला अद्भुत शुभ सफर है। हम इसे विवेकपूर्ण तय करें और सफल बनें।

विश्व प्रसिद्ध अमेरिकन धनाढ्य व्यवसायी वॉरेन बफेट द्वारा कथित कुछ जीवनोपयोगी बिंदु । ये बिंदु क्या, समझो अनुभव के सिंधु हैं । जैसे वे कहते कि लोग खर्च करने के बाद जो बचता है उसे बचत कहते हैं।

यह गलत है। आमद में से एक निश्चित प्रतिशत बचत पहले करो , शेष को ही खर्च आदि के निमित्त समझो ।हमको जीवन में कभी आर्थिक तंगी नहीं आएगी। वह जब हमको यही आदत पड़ जाएगी तो हमारी जिन्दगी आराम से कटेगी ।

अतः हमारे स्वयं का जीवन दुनिया की महत्वपूर्ण पुस्तक है। हम जीवन की पुस्तक का एक-एक पाठ पढे़ं तो हम सही से पाएँगे कि हमारे अनुभवों में भी व्यवहारिक ज्ञान का ठाट कितना लगा है ।

हम आज यह सोचें कि विगत वर्ष के अनुभव से प्राप्त सदैव आगे प्रमाणिकता से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बढ़ने को नई स्लेट में उस पर कुछ सुंदर लिखना है। वह हमको ढर्रे में नहीं चल कर प्रगतिपथ पर बढना है। यही हमारे लिए काम्य है ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

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