हम विज्ञान के द्वारा यहाँ बैठे कही भी सुगमता से सुन्दर कार्य कर लेते है । मैंने मेरे अभी के जीवन व बचपन में जो उतरोत्तर विकास सही से सकारात्मकता में देखा है वह सब विज्ञान से ही तो सम्भव हुआ है।
यह विज्ञान के आविष्कार की ही देन है कि मेरा लेखक के रूप में उद्भव हुआ तो उसी समय सुदूर ह्यूस्टन अमेरिका से ही मुझे विश्वव्यापी पहचान यहाँ से प्रथम दिनों में ही मिलनी शुरू हुईं और लेखन के प्रति मुझे सदैव प्रेरणा मिलती रही वह मेरे भाषण आदि – आदि हुए ।
हमको जीवन में विज्ञान आगे से आगे लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग सदैव किसी न किसी रूप में अवश्य प्रदान करता है । हमारे को जीवन में कोई भी मिलने वाली सफलता व असफलता का वास्तव में कोई रूप नहीं है ।
यह तो मात्र हमारा अनुभव है , जो हम मानव को संघर्ष में डाल कर सही से हीरे की तरह तराशता है, वह उसको अपनी चमक बिखरने के लिए मजबूर कर देता है ।
अतः वास्तव में व्यक्ति किसी भी तरह की सफलता से प्राप्त संतुष्टि को अगर व्यक्त करता है, तभी वह सही तरीके में सफल कहलाता है। आज के समय में विज्ञान की क्रांति ने पूरे परिवेश को बदल दिया है । वह मानवीय भावनाओ ने सही से नया मोड़ लिया है ।
वह इस बदलती दुनिया में मोबाइल का साथ हमारे सदैव रहता है । वह हम मोबाइल से दूर बैठे- बैठे किसी से कभी भी बात कर सम्पर्क आदि कर कार्य कर सकते है ।
हम मनुष्य को सही से अर्थ व भौतिक सुख-सुविधाओं आदि कि जानकारी विज्ञान के द्वारा होती हैं । वह आज के समय में इंसान विज्ञान के सहारे ही जीता जागता रोबोट आदि बना सकता है।
आध्यात्मिक विज्ञान की यह उपलब्धि है कि इससे दृढ संकल्पबद्धता के अभ्यास से स्थिरता, अंतर की पवित्रता, प्रखरता एवं उत्कृष्टता आदि पाई जा सकती है ।
हम सभी यह जानते हैं कि work place पर मेहनत और हुनर सबसे ज्यादा काम आता है लेकिन सही से बिना आत्मविश्वास और प्रसन्नता के न तो काम में संतुष्टि मिलती है ।
क्रमशः आगे ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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