आज हम आपको भरत सिंह के बारे में बताने वाले हैं, जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भरत सिंह को पौधे संरक्षण के क्षेत्र में विशिष्ट सम्मान से नवाजा गया है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दे कि भरत सिंह ने कृषि मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र, गंगटोक में पौध संरक्षण के अधिकारी के पद वर्ष 1992 में अपना कार्यभार ग्रहण किया था ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भरत सिंह ने सिक्किम राज्य के फसल एवं फल जैसे सब्जियां इलायची अदरक , मसाले अनाजों कीटो अर्थात बीमारियों के संरक्षण का कार्य करते आए हैं ।
केवल इतना ही नहीं भारत सिंह ने पौधे संरक्षण के पहलुओं पर लगभग 6 साल तक कार्य किया है । वर्तमान में भरत सिंह केवीके गुरूग्राम के शिकोहपुर मैं स्थित पौधे संरक्षण के एक सेंटर में विशेषज्ञ के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।
भरत सिंह की उपलब्धियां
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भरत सिंह कृषि विज्ञान के केंद्र में पौधे संरक्षण के लिए विशेषज्ञ पद पर कार्यरत है साथ ही साथ उन्होंने पौधों के संरक्षण के लिए 40 से अधिक सेमिनार में हिस्सा लिया , साथ ही साथ उन्होंने 7 पुस्तकें एवं ब्रोशर और नियमावली, इसके साथ ही साथ 12 पैम्फलेट , अर्थात 100 कृषि से संबंधित लेख , कई अनुसंधान और रिसर्च पत्र की प्रवृत्ति लेकर आए हैं ।
साथ ही साथ भरत सिंह ने वर्ष 2020 में ग्लोबल एनवायरमेंट एंड एसोसिएशन के तहत पौधा संरक्षण के क्षेत्र में अपना एक विशेष योगदान दिया है , अर्थात भरत सिंह के इस योगदान के लिए उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है । फिलहाल भरत सिंह गोभी में कीटों के संरक्षण के लिए शोधन कार्य कर रहे हैं जो उनका अंतिम चरण है ।
कृषि कल्याण अभियान के दौरान होने वाली प्रगति
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि भरत सिंह ने अपने हरियाणा के कार्यभार के वक्त में एक अभियान शुरू किया था, अर्थात इस अभियान का मूल उद्देश्य किसानों को सलाह और सहायता प्रदान करना एवं साथ ही साथ किस प्रकार के आय में वृद्धि होगी , अर्थात किस प्रकार से कृषक की आय में आसानी से वृद्धि की जाए ।
भरत सिंह के इस अभियान को चलाने का महत्वपूर्ण उद्देश्य तो किसानों को सभी प्रकार के लाभ का अपूर्ति करानी थी जिससे सभी किसान अवगत थे इसलिए उन्हें सलाह और मशवरा दिया जाता था ताकि वह अपने काम को सही तरीके से करके सभी प्रकार की लाभ की आपूर्ति कर सके और साथ ही साथ अपनी आय की वृद्धि में भी समर्थ हो सके ।
भरत सिंह ने अपने सभी अभियानों के तहत एक नोडल रूप में अपने सभी कर्तव्यों का महत्वपूर्ण रुप से पालन किया है , भरत सिंह ने अभियान के तहत किसानों को मधुमक्खी पालन मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रति कार्य किया है साथ ही साथ जैविक खेती को मूल भूमिका दी है ताकि किसान जैविक खेती करके अधिक मुनाफा कमा पाया , एवं विशेषज्ञों द्वारा मिली राय से किसान कई प्रकार के प्रयोग कर सकें ।
आज भरत सिंह अपने इस पर्यावरण के प्रति महत्वपूर्ण योगदान के कारण नाक एवं पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान दे रहे हैं साथ ही साथ अपने कई अभियानों के दौरान किसानों की उन स्थिति को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं अर्थात इन्हें इनके सभी प्रकार के योगदान के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से पुरस्कृत भी किया गया है ।