वितराग भगवान के द्वारा प्रदत धर्म को मानने वाला जैनी होता है। इच्छा का परिमाण , भोग संग्रह का सीमाकरणं …
प्रेरक विचार
लगता है मुझे ऐसा कि : Lagta Hai Mujhe
कहते है कि भर जाए पेट दिल नही भरता ,स्वाद लोलुप हो और चरता , स्वास्थ्य को ये नही जमता …
करें बोझ हल्का : Karen Bojh Halka
मन और मस्तिष्क ऐसे घोड़े है जो बेलगाम दौड़ते जाते है।जब भी मन कुछ कहता है तो दिल कुछ चाहता …
बेटे की गिफ़्ट, पिताजी को : Bete ka Gift Pita ko
आज के समय में हम देखते है बेटे बड़े होकर अपने पिता को अपने हिसाब से अच्छे से अच्छा उपहार …
वाह रे मनुज : Vaah re Manuj
किसी भी जीव के इस भरत क्षेत्र में अगले पल की खबर नहीं है पर जीवन जीते हुए हम उम्मीदें …