वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 5

शब्द कभी भी बोलते नहीं है । वह अपने बंद मुख को कभी खोलते नहीं इसलिए उनका लहजा कभी गड़बड़ाना …

वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 4

शब्द कभी भी बोलते नहीं है । वह अपने बंद मुख को कभी खोलते नहीं इसलिए उनका लहजा कभी गड़बड़ाना …

वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 3

एक विरल व्यक्तित्व, दार्शनिक व्यक्तित्व,जो स्वयं वीतरागता की भूमिका के आस-पास पहुँच चुके थे,मौलिक चिंतक, लेखक, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन …