शब्द कभी भी बोलते नहीं है । वह अपने बंद मुख को कभी खोलते नहीं इसलिए उनका लहजा कभी गड़बड़ाना …
प्रेरक विचार
वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 4
शब्द कभी भी बोलते नहीं है । वह अपने बंद मुख को कभी खोलते नहीं इसलिए उनका लहजा कभी गड़बड़ाना …
वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 4
और इन सब के कारण — एक सच्ची और मीठी मुस्कान भी कहाँ गुम हो रही है । इंसानियत दुनिया …
वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 3
एक विरल व्यक्तित्व, दार्शनिक व्यक्तित्व,जो स्वयं वीतरागता की भूमिका के आस-पास पहुँच चुके थे,मौलिक चिंतक, लेखक, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन …
वाणी (सरस्वती) वरदान | शब्दों की दुनिया | वाक् – शक्ति : भाग 2
वह जब उसका ताला खुलता है, तभी तो उसका हमको सही से मालूम पड़ता है कि दुकान सोने की या …