सम्यक दर्शन,सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र रूपी त्रिवेणी ही स्वर्ग और मिथ्यादर्शन,मिथ्या ज्ञान और कथनी और करनी की एकरूपता आदि न होना ही नरक है।
प्रेरक विचार
संगम : Sangam
कहते है कि सूरज के साम्राज्य मे भी, कुछ बस्तियां अंधेरों को सहती है। जीन्दगी की किश्ती भी सुख दुःख …
कल कल का चक्कर : Kal Kal ka Chakkar
कुछ प्रश्न तो जिंदगी के अबूझे, अनुत्तरित ही रह जाते है। सही गलत के चक्कर मे कुछ तो सुलझ ही …
प्रियवर : Priyavar
जीवन के हर गुण , झुकाव के इस गुण में ठहराव में नम्रता- विवेकता-विनीत आदि समाहित है ये सब इसके …
हौसलों में उड़ान : Hauslon Mein Udaan
हौसलों में अगर उड़ान हो तो मंजिल निश्चित है, जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी लेकिन फिर भी मंजिल मिलना निश्चित है …