सौभाग्यशाली हैं हम मनुष्य जीवन मिला

मैंने पढ़ा सूना है कि विभिन्न गति के जीव मनुष्य जीवन के लिये उत्सुक रहते है क्योंकि मनुष्य गति ही …

साधु – सन्त के प्रति हमारे भाव कैसे हो ?

पाँच महाव्रतधारी त्यागी साधु – साध्वियों के प्रति हमारे भाव निर्मल से निर्मल रहने चाहिये । कहते है की साधुचर्या …

प्रकृति का स्वभाव है निस्वार्थ सेवा

प्रकृति का स्वभाव कितना सुन्दर हैं जो हमको निस्वार्थ सेवा देता है इसके विपरीत मानव का स्वभाव सदा हर काम …