योग का शाब्दिक अर्थ मिलन है।तात्पर्य शुद्ध सात्विक भावों के साथ एकाकार मन हैं । योग मानव के अंतर का …
प्रेरक विचार
प्रसन्न मन : असली जीवन धन
मानव का सबसे बड़ा धन प्रसन्न मन है पर छोटा हो या बड़ा आजकल आदमी आम बीमारी से ग्रस्त रहता …
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि : Jaisi Drishti Vaisi Srishti
कहते हैं जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि यही बात मनुष्य जीवन के संदर्भ में भी लागू होती है । व्यक्ति के …
सफर चिंता से तनाव का : The Journey from Anxiety to Stress
मानव जीवन में चिंता और तनाव साथ चलते है । चिंता व तनाव इस कारण होते ही हैं कि वर्तमान …
जीवन क्या है : What is Life
प्रश्न क्या खाना ,पीना ,सोना ,उठना ,घूमना – फिरना आदि – आदि जीवन हैं ।नहीं जीवन की सही परिभाषा है …