आज हम बात करने वाले हैं हरीश धनदेव के बारे , हरीश धनदेव मूल रूप से राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले हैं । जानकारी के लिए आप सभी को बता हरीश धनदेव ने अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई वर्ष 2012 में पूरी कर ली थी, इसके कुछ समय बाद ही इनकी सरकारी नौकरी जयपुर के जूनियर इंजीनियर के रूप में लग गई थी।
हरीश अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखना चाहते थे अर्थात वह एमबीए की पढ़ाई करना चाहते थे परंतु इस नौकरी के कारण वह एमबीए की पढ़ाई नहीं कर पाए, हरीश कुछ बड़ा करने का सपना रखते थे परंतु इतने अधिक पढ़े लिखे होने के बावजूद भी वह अपनी नौकरी के चक्कर में फस गए और आगे नहीं बढ़ पाए ।
सरकारी नौकरी छोड़ खेती से कमा रहे हैं करोड़ों रुपए :-
हरीश अपनी नौकरी से खुश नहीं थे और धीरे-धीरे उनका मन अपनी नौकरी से उठता जा रहा था इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ने का मन बना लिया था, हरीश नौकरी छोड़ने के बाद अधिक से अधिक पैसे कमाने के बारे में सोच रहे थे और उसी वक्त उनकी मुलाकात बीकानेर के कृषि यूनिवर्सिटी के एक व्यक्ति से हुई और उस व्यक्ति के द्वारा हरीश को एलोवेरा की खेती के बारे में पता चला ।
हरीश धनदेव ने एलोवेरा की खेती करने का निश्चय कर लिया और एलोवेरा की खेती को अपनी कमाई का जरिया बनाने में पूरी मेहनत में लग गया। इस दौरान उन्होंने एलोवेरा की खेती के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी , हरीश ने एलोवेरा की खेती से जुड़ी हुई और अधिक जानकारियों को एकत्रित करने के लिए दिल्ली के एक कृषि सेमिनार में हिस्सा लिया और एलोवेरा की खेती से जुड़ी हुई कई नई जानकारियों को इकट्ठा किया ।
इसके बाद हरीश ने एलोवेरा की खेती करने का मन बना लिया और कुछ समय बाद बीकानेर जाकर एलोवेरा के 25000 पौधे जैसलमेर लेकर वापस आए । हरीश जब एलोवेरा के पौधे लेकर जैसलमेर आए तो आसपास के कई लोगों ने उन्हें कहा कि हमने पहले भी एलोवेरा की खेती कि है, खेती तो अच्छी हो जाती है परंतु इसे खरीदने कोई नहीं आता है ।
इस दौरान हरीश धनदेव आसपास के लोगों की बातों को समझ कर इस निश्चय पर पहुंचे कि उन्हें एलोवेरा की खेती करने से पहले उसकी मार्केटिंग के बारे में रिसर्च करना होगा , इस समय हरीश की पढ़ाई उनके काफी काम आई और कुछ समय बाद उन्होंने मार्केट की सारी जानकारियां इकट्ठा कर ली।
इसके बाद अधिक मार्केटिंग के लिए उन्होंने अपना पहला प्रयास बढ़ाया और जैसलमेर के कई कॉस्मेटिक कंपनियों से उन्होंने संपर्क किया और उस दौरान कई कंपनियों ने हरीश धनदेव से एलोवेरा लेने के लिए तैयार हो गए, जब मार्केटिंग की रणनीति तैयार हो गई तो हरीश ने पूरी तरह से एलोवेरा की खेती पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
हरीश अपनी एलोवेरा की खेती को पूरे देश में विख्यात करना चाहते थे इसलिए उन्होंने इंटरनेट का माध्यम चुना और इसके साथ ही साथ बड़े स्तर पर एलोवेरा की खेती करनी शुरू कर दी । हरीश अपनी एलोवेरा की खेती के माध्यम से करोड़ों का मुनाफा अर्जित कर लेते हैं।
दे रहे लोगो को कमाई के कई जरिया :-
हरीश धनदेव ने अपने एलोवेरा की खेती को और उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए, खरीदारों को खोजन और इसके लिए उन्होंने इंटरनेट की मदद ली , इस दौरान उन्हें पता चला कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि में एलोवेरा का काफी अधिक उपयोग होता है, और इसके बाद उन्होंने पतंजलि की ऑफिशल वेबसाइट पर एक मेल भेजा , इसके जवाब में आया कि आप हमसे मिल सकते हैं , और यह हरीश धनदेव के जीवन का एक सुनहरा मौका था जिसे वह खोना नहीं चाहते थे ।
आज हरीश अपना बिजनेस पतंजलि के साथ चलाते हैं और हरीश के साथ काम करने वाले लोगों को अच्छी सैलरी भी प्राप्त होती है , आज हरीश की यह एलोवेरा की खेती काफी अधिक तरक्की कर रही , हरीश अपनी एलोवेरा की खेती की क्वालिटी पर पूरा ध्यान देते हैं, जिससे कि वह पतंजलि जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम जारी रखें ।
आज हरीश अपने मेहनत के बल पर करोड़ों की कमाई करते हैं, हरीश कुछ बड़ा करना चाहते थे और आज अपनी मेहनत और लगन के कारण उन्होंने अपना यह सपना पूरा कर दिखाया है, हरीश अपने एलोवेरा की खेती से करोड़ों का बिजनेस कर लेते हैं और इस दौरान उन्होंने Naturelo Agro नाम से कंपनी भी खोल ली है जिसमें वह कई मजदूरों को काम देते हैं और उन्हें अच्छी सैलरी भी देते हैं।
हरीश धनदेव की यह कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है कई वह सोचते हैं कि सरकारी नौकरी ही सब कुछ होती है परंतु अगर देखा जाए तो अगर मेहनत और लगन से खेती और बिजनेस को किया जाए तो वह आपके लिए करोड़ों का सौदा बन सकता है ।