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हारिये न हिम्मत : खण्ड-2

hariye na himmat
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जिससे इस जीवन के जंग में हमारी और हार ऐसे में कभी नहीं होगी । जीवन में डर से बड़ा साहस है । ये दुनिया जब -जब हमें आजमाती हैं, हमारे रास्तों में मुश्किलें बिछाती है, हर हाल में हमें तोड़ना चाहती हैं, हमारा साथ छोड़ जाती है ।

हमको उस डर से हाँ ₹ उस डर से बाहर निकलना है साहस जुटाना है । हमको जीवन में हार न मानने का जज्बा और अडिग हौसला हमेशा आगे बढ़ाएगा।

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हमारे आगे आखिरकार धरती हिल जाएगी, वह आसमां झुक जाएगा क्योंकि हमारे जीवन में भय-विस्मय का अंत होते ही आते हुए दुख पसंद आएँगे , क्योंकि अपने कर्म ज्यादा व बातें चंद होगी और साहस इतना बुलंद की दुखों का पहाड़ टूटने पर भी, सर उठाकर हम सतत् चलते जाएँगे ।

जीवन में बहादुरी का वही सिकंदर है जिसकी सबसे प्रीत है । जीवन का ज्ञान यही है की डर के आगे जीत है । जीवन में अभय हममें शक्ति का संचार करता है ।

हमें अभय निर्भार करता है । हमें भय कमजोर बनाता है। हम अपनें जीवन में भय मुक्त बनकर ही लक्ष्य तक पहुंच पाते है । हमने अपने आसपास आराम के सुख के हर साधनों का प्रबंध कर रखा है, जो हमें आनंद का आभास कराता है पर जीवन में सच्चा आनंद तो निष्काम सेवा बिना किसी कामना के बदले में कुछ ना चाहते हुए किसी के काम आना हैं।

जीवन में अन्धकार को तो सब कोसते हैं पर दीपक जलाने की हिम्मत कौन करेगा ? हमारी सोच से अच्छा और सकारत्मक किसी की मदद का जज़्बा हो तो ये हमारा जीवन जीते जी स्वर्ग बन जाएगा।
क्रमशः आगे ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

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