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प्रकृति का उपहार मानव सृष्टि

प्रकृति का उपहार मानव सृष्टि
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प्रकृति ने बड़ा ही सुंदर उपहार दिया है पति- पत्नी के संबंध का। इस संबंध से ही सृष्टि अपने आकार को अलग-अलग प्रकार से खुशियों के रंगों से रंगती है।

इन्हीं रंगों में विशिष्ट तौर पर पति-पत्नी के मध्य आपसी प्रेम का रंग एक ऐसा रंग है जो जीवन पर्यंत और जीवन के पश्चात भी बना रहता है।

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जब कोई नव विवाहित दंपति गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते हैं, तब उनके सामने अदृश्य रूप से एक सुखी जीवन की संकल्पना रहती है।

एक सहयोग व एक ऊर्जा और सर्वाधिक हृदय स्पंदन का एक मखमली अनुभव करने का एक विचार। इन सभी बातों को सहेज कर पति-पत्नी अपने जीवन की गाड़ी को आरंभ करते हैं।

गृहस्थ जीवन की शुरुआत से पूर्व में दोनों में विचार विमर्श भी होता है कि जीवन का प्रबंधन किस तरह से आगे ले जाना है, संबंध को कितना जटिलता से, सरलता से या समर्पण के भाव से स्वीकृत करना है।

इन सभी बातों को दृष्टिगत रखते हुए पति-पत्नी अपने जीवन की शुरुआत करते हैं किंतु यहां पर एक बात हमेशा हर जोड़े में अनुभूत होती है कि वे एक दूसरे के सामने आकस्मिक, नकारात्मक घटनाओं का प्रकट होने पर किस प्रकार के वैचारिक विमर्श को आमने- सामने रखेंगे इस बात से वह लगभग अनजान होते हैं।

बीएल भूरा

भाबरा जिला अलीराजपुर मध्यप्रदेश

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