जैसे की हम सभी जानते हैं कि हर साल भारत के द्वारा यूपीएससी परीक्षा का आयोजन किया जाता अर्थात यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है ।
हर साल इस परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा में हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभयार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं , इसके साथ ही साथ अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल करने वाले अभ्यार्थी देश के अन्य अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर सामने आते हैं
सिविल सेवा की यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यार्थी तो हिस्सा लेते हैं परंतु कुछ गिने-चुने निपुण अभ्यार्थी ही इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाते हैं अन्यथा इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सभी अभ्यर्थी कड़ी मेहनत और लगन के साथ खुद को निपुण बनाते हैं ।
कोचिग, सेल्फ स्टडी का सहारा लेकर अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करते हैं अर्थात अपने मनोबल को मजबूत करके इस परीक्षा में सफलता हासिल करने का प्रयास करते हैं ।
यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले कई अभ्यार्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर लेते हैं ।
कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही असफलता हासिल होने पर हार मान लेते हैं अन्यथा कई अभ्यर्थी ऐसे भी होते है, सफलता हासिल होने के बावजूद भी सफलता हासिल करने का मनोबल नहीं छोड़ते हैं।
जैसे की हम सभी जानते हैं कि हाल ही में वर्ष 2021 में होने वाली यूपीएससी की परीक्षा के परिणाम आ चुके हैं और इस दौरान अपने पहले दूसरे और तीसरे स्थान में लड़कियों ने अपना स्थान बना लिया है।
इसके अलावा आज हम आपको एक बेटी के बारे में बताने वाले हैं जिसने वर्ष 2021 में होने वाली यूपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में 16वीं रैंक हासिल कि है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दे कि ऑल ओवर इंडिया में 16 वीं रैंक हासिल करने अंशु प्रिया मूल रूप से मुंगेर की रहने वाली है, अंशु प्रिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नेट्रोडेम एकेडमी से पूरी की है ।
वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए कोटा चली गई थी, अंशु प्रिया ने कोटा में जाकर मेडिकल की पढ़ाई की अर्थात मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2 वर्ष तक पीएमसीएच मैं अपनी सेवाओं को भी दिया है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंशु प्रिया ने बताया कि जब वह चिकित्सालय के क्षेत्र में कार्य कर रही थी तब उनके हृदय में समाजसेवा की भावना जागृत हुई थी जो वह चिकित्सालय के क्षेत्र में रहकर नहीं कर सकती थी ।
इसलिए उन्होंने अपने डॉक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया और धैर्य रखकर सिविल सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए तैयारी में जुट गई ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंशु प्रिया ने सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करने के बाद यूपीएससी परीक्षा देने का निश्चय किया परंतु वह अपने पहले प्रयास में असफल रहे ।
इस दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी परंतु उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में भी असफलता ही हासिल हुई इसके बावजूद उन्होंने असफलता से सीख ली और एक बार मेहनत और लगन से प्रयास किया और अपने तीसरे प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 16वीं रैंक हासिल की है।
आज अंशु प्रिया ने यह साबित कर दिया है कि अधिक से अधिक पढ़ाई करने के बावजूद भी अपनी इच्छा की नौकरी मिलने से ही मन को संतुष्टि हासिल होती है ।
अंशु प्रिया ने जिस प्रकार अपनी चिकित्सा की नौकरी को छोड़कर सिविल सेवा में जाने का निश्चय किया यह काफी मनोबल का कार्य है अर्थात अंशु प्रिया ने अपनी डॉक्टर की नौकरी को छोड़ कर आज सिविल सेवा मैं सफलता हासिल करके समाज सेवा करने का निश्चय किया है ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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