गोविंद जयसवाल ने अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा करने के लिए जितनी कड़ी मेहनत की उतनी ही मेहनत गोविंद के पिता ने भी गोविंद को अधिकारी बनाने में की है ।
यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है अर्थात हर साल इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद लिए कई अभ्यर्थी हिस्सा लेते हैं और इस परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले कई विद्यार्थी देश के कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आते हैं ।
कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो असफलता से हार मान लेते हैं अन्यथा कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं से सफलता हासिल करने की उम्मीद रखते हैं ।
इस प्रतिष्ठित परीक्षा में हिस्सा लेने वाले सभी विद्यार्थी सफलता को हासिल करने के लिए कई समय पहले से ही कोचिंग इंटरनेट और किताबों के सहारे खुद को निपुण बनाते हैं और इस कड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल करने की उम्मीद रखते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे विद्यार्थी के बारे में बताने वाले हैं जिसके साथ साथ उसके पिता ने भी काफी मेहनत करके अपने बेटे को आईएएस के सफल मुकाम पर पहुंचाया है जी हां हम बात कर रहे हैं आईएएस गोविंद जयसवाल की।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गोविंद जयसवाल ने ऑल ओवर इंडिया में 48 वीं रैंक हासिल की है और देश के कई लोगों को यह तो बता दिया है कि सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है अन्यथा व्यक्ति की गरीबी और अमीरी से किसी भी प्रकार का फर्क नहीं पड़ता है ।
बेटे के सपने को पूरा करने के लिए पिता ने बेची अपनी सारी पूंजी
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि जितनी मेहनत गोविंद ने अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा करने के लिए की है उतनी ही मेहनत गोविंद के पिता ने अपने बेटे को एक अधिकारी के रूप में देखने के लिए उतनी ही अधिक मेहनत की है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गोविंद का परिवार वाराणसी में रहता है और पिछले कई सालों पहले गोविंद के पिता के पास 35 रिक्शा हुआ करते थे परंतु गोविंद की मां की बीमारी के कारण गोविंद के पिता को भी 20 रिक्शा बेचने पड़े थे परंतु इसके बावजूद भी वह अपनी पत्नी को नहीं बचा पाए ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गोविंद जयसवाल ने अपनी शुरुआती शिक्षा वाराणसी के एक सरकारी स्कूल से पूरी की है और इसके बाद गोविंद ने गणित के विषय में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की है ।
गोविंद एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं और यही कारण है कि उन्हें पढ़ाई के दौरान बिजली की कटौती का सामना करना पड़ता था। इस दौरान गोविंद बताते हैं कि उन्होंने अपने कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली जाने का निश्चय किया और दिल्ली में ही अपनी यूपीएससी की पढ़ाई को करना शुरू किया ।
दिल्ली से की है यूपीएससी की तैयारी
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गोविंद जयसवाल ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली जाने की योजना बनाई थी और वहां जाकर व यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे परंतु पैसे की कमी होने के कारण वह दिल्ली नहीं जा पा रहे थे ।
गोविंद के पिता ने अपने बेटे को एक अधिकारी के रूप में देखने के लिए अपने 14 रिक्शा भी बेच दी है और अब उनके पास केवल एक रिक्शा था जिससे वह खुद चलाते थे और अपने परिवार का पेट पालते थे , भले पिता को पैर में काफी अधिक तकलीफ आती थी परंतु फिर भी अपने बेटे के सपने के लिए उन्होंने रिक्शा चलाना शुरु किया ।
गोविंद जयसवाल बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली जाकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के बाद यूपीएससी एग्जाम दिया और इस दौरान उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में 48 वीं रैंक हासिल करके अपना सपना तो पूरा किया ही है साथ ही साथ अपने पिता का भी सपना पूरा कर दिया है ।
गोविंद जयसवाल उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में उभर कर आते हैं जो गरीब परिवार से होते हुए भी बड़े सपने देखते हैं और उसे मुमकिन करने की लगातार प्रयास करते हैं
लेखिका : अमरजीत कौर
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