मानव जीवन भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है । एक बच्चा माँ – बाप के साथ रहता है तो हमेशा प्रसन्न रहता है क्योंकि उसको विश्वास है उसके माँ – बाप साथ में है । ठीक इसी तरह हर रात हम सो जाते हैं कोई गारंटी नहीं कि कल उठ पाएँगे कि नहीं।
फिर भी कल और उससे आगे भी क्या-क्या करना है की मन ही मन सूची बनाते हैं।यह हमारे ज़िन्दा रहने की दृढ आशा अच्छी खासा हैं । जीवन में हर रोज हम भविष्य की कल्पनाएँ संजोते हैं।
यद्यपि भविष्य की किसी को भी गारंटी नहीं है। यह हमारे आत्मविश्वास की थाती हैं । किसी काम को तंग आकर छोड़ देना हमारी कमजोरी को ही बतलाता है , थोड़े सी परेशानी से परेशान होकर हार मानना बलवान को नहीं सुहाता है।
आशावादी आशा के साथ ही जीता है व कभी निराशा का जहर नहीं पीता है । अपनी कोशिश को वह जारी रखता है, उमंग से हरी बाग की उसकी फुलवारी होती है।वह बार – बार चोट और प्रहार करता है और उसके मन-आंगन में जोश का संचार रहता है जो कभी भी
उत्साह का अंत नहीं होने देता है ।
सफलता का बसंत उसको मिल जाता है। जिसके पास उम्मीद है वो लाख बार हार के भी नही हार सकता, आशावाद एक ऐसा विश्वास है जो हमें कई उपलब्धियों तक ले जाता हैं, उम्मीद और भरोसे के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता हैं ।
मौत से ज्यादा भयभीत है दुनियां, मौत की आहट से। वर्तमान की समस्या से अधिक चिंतित है,आने वाले कल से।कमोबेश हर प्राणी की यही कहानी है,यही हकीकत है । हम सच्चाई को आत्मसात कर सकें इसकी बङी जरूरत है।
कहने का तात्पर्य है कि जीवन केवल उम्र जीवन नहीं है । विश्वास, आशा, आत्म-आस्था, प्यार और सकारात्मक सोच आदि इन सब भावनाओं का अच्छा खासा मिश्रण व इन्हीं भावनाओं को अर्पण है ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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