आज हम बात करने वाले हैं मनोज पटेल के बारे में, मनोज पटेल एक अहमदाबाद के वास्तुकार हैं , हाल ही में वास्तुकर मनोज द्वारा मिट्टी की टाइल्स से तैयार किया गया अद्भुत फर्नीचर बहुत लोकप्रिय बन रहा है, इस दौरान मनोज पटेल प्रसिद्ध “मंगलौर टाइल्स” को एक नया जीवन दिया है ।
इस बात की कोई सीमा नहीं है कोई व्यक्ति क्या निर्माण कर सकता है और किस तरह की कल्पना कर सकता है, इस प्रकार मिट्टी की टाइलों से बने फर्नीचर को आप क्या नाम देना पसंद करेंगे, आज गुजरात के एक आर्किटेक्ट मनोज पटेल साधारण चीजों से अद्भुत चीजें तयार करने के लिए जाने जाते हैं , इन्होंने मिट्टी के टाइलों से शानदार फर्नीचर को तैयार कर दिया है ।
बातचीत के दौरान मनोज पटेल बताते हैं कि “पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करके शानदार एवं अद्भुत चीजों को तैयार करना यह हमारी ताकत है , इस वस्तुकार मनोज पटेल ने कई सालों में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग करके अद्भुत चीजें तैयार की है ताकि वह यह जान सके की कौन सी चीज जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है। वास्तुकार मनोज पटेल का कहना है आमतौर पर फर्नीचर को भारी धातु से बनाया जाता है क्योंकि यह उच्च ताप आपके सुचालक होते हैं ।
अर्थात इन धातु से तैयार किए गए फर्नीचर के ऊपर बैठना असंभव होता है, क्योंकि सूर्यास्त के बाद ही इन फर्नीचर ऊपर बैठा जा सकता है क्योंकि जब सूर्य सर के ऊपर होगा और सूर्य की रोशनी सीधी पड़ेगी तो उच्च ताप के सुचालक होने के कारण इसका इस्तेमाल असंभव है।
इस दौरान वह कहते हैं कि जब हमने लकड़ी और मिट्टी की वस्तुओं के साथ काम करना शुरू किया तो पता चला कि यहां आपकी गैर सुचालक होती हैं । कहते हैं कि वे शुरू से ही जलवायु उत्तरदाई कारकों का इस्तेमाल करके ही अद्भुत चीजों को तैयार करने के लिए उत्सुक रहते हैं ।
करते हैं जलवायु उपयुक्त सामग्री का उपयोग
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मिट्टी का उपयोग करके कई सामग्रियों को तैयार किया जाता है अर्थात यह मिट्टी प्राचीन काल से मजबूत सामग्रियों को तैयार करने में अपना योगदान देती आई है। जिस प्रकार घर पर मिट्टी की टाइलों का उपयोग किया जाता है उसी प्रकार मनोज फर्नीचर के टुकड़ों को तैयार करने के लिए टिकाऊ और उपयोगी सामग्रियों पर विचार करते हैं।
मनोज ने अपनी टीम के साथ मिलकर मिट्टी की टाइलों को एक ऐसा अद्भुत आकार दिया है कि इससे तैयार कुर्सी और टेबल काफी ही खूबसूरत दिखते हैं और सस्ते भी होते हैं अर्थात जलवायु के अनुकूल भी रहते हैं , वास्तुकार मनोज ने कुछ समय पहले ही इस पद्धति पर काम करना शुरू किया था परंतु उन्होंने कुछ महीने पहले ही इस पद्धति को आकार दिया है।
मनोज का कहना है कि मैंने इस प्रकार के फर्नीचर को तैयार करने के लिए किसी भी आर्किटेक्ट के डिजाइन को नहीं देखा है अर्थात मैंने जलवायु के अनुकूल अर्थात गर्मी को मात देने के लिए विचारों को सोच कर इस फर्नीचर को तैयार किया है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गर्मी के दिनों में मिट्टी का उपयोग सबसे अधिक लाभ जनक है क्योंकि यह जमीन को ठंडा रखता है अर्थात जमीन के ठंडे रहने से हमारा घर भी ठंडा हो जाता है इससे गर्मी को मात देना काफी आसान हो जाता है।
अब तक मनोज की टीम ने मिट्टी का उपयोग टेबल ,स्टूल और विभिन्न प्रकार की सतह को तैयार किया है, यह सभी जलवायु के अनुकूल है और मानसून के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है ।
इसके साथ ही साथ उन्होंने नई डिजाइन की टाइलों को भी तैयार किया है जिसकी कीमत 5 रुपए है अर्थात एक घर की छत को तैयार करने में करीब 200 टाइल लगती है अन्यथा अगर देखा जाए तो दो हजार की लागत लग जाएगी ।
चुनौतियां का सामना
वास्तुकार मनोज का कहना है कि भले ही मिट्टी को सदियों से निर्माण कार्य की सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है परंतु मिट्टी से फर्नीचर को तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है , अर्थात मनोज कहते हैं कि इस प्रकार मिट्टी की टाइलों से एक स्टूल को तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि स्टूल के कोनों को संरेखित करना एक चुनौती थी।
आगे मनोज कहते हैं कि भले ही हमें डिजाइन को तैयार करने में और इसके साथ ही साथ इस का निर्माण करने के लिए 3 महीने लग गए थे परंतु आज हमारा यह स्टूल इतना लोकप्रिय हो गया है कि हमें रोजाना ऐसे 5 से 10 स्टूल को तैयार करना पड़ता है।
मनोज कहते हैं कि फिलहाल हमने छोटी फर्नीचर से शुरुआत की है पर आगे जाकर हम बड़े फर्नीचर पर प्रशिक्षण करना शुरू करेंगे , इसके साथ ही साथ उम्मीद है कि जल्द लोगों के बीच मिट्टी के फर्नीचर लोकप्रिय बन जाएंगे और हमारे द्वारा तैयार की गई फर्नीचर के हमें अधिक मूल्य भी मिल पाएंगे।
लेखिका : अमरजीत कौर
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