देश में दिन-ब-दिन बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं जिससे भय और असुरक्षा का वातावरण बढ़ गया है। नतीजा बहुत सारी लड़कियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
लेकिन आज हम एक ऐसे शख्स की कहानी से रूबरू करवाने जा रहे हैं जो समाज में एक नई उम्मीद की किरण के समान है। हम बात कर रहे हैं हरियाणा के जींद के एक पूर्व खाप नेता जितेंद्र छत्तर की, जिन्होंने 2012 में एक बहुत ही विवादित बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि “चाऊमीन खाने से शरीर का हार्मोन असंतुलित हो जाता है और इसी के परिणाम स्वरूप बलात्कार करने की इच्छा जन्म लेती है”।
अपने इस विवादित बयान की वजह से उन्होंने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी और दिल्ली में उन दिनों हुए निर्भया कांड के बाद समाज का महिलाओं के प्रति व्यवहार और महिलाओं की सुरक्षा के विषय में एक नया विचार विमर्श शुरू हो गया।
जितेंद्र उन नेताओं में से एक थे जो एक वक्त था अपने बेतुके बयान के लिए जाने जाते थे। ‘कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं के जींस पहनने की वजह से बलात्कार की घटनाओं को बढ़ावा मिलता है’ तो किसी ने यह कहा कि ‘मोबाइल फोन का उपयोग करने से ऐसी घटनाएं हो रही हैं’, लेकिन जितेंद्र की जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपने विचार बदलने पड़े और आज वह बिल्कुल बदले हुए इंसान बन गए हैं।
दरअसल 5 साल पहले उन्होंने पूजा (एक काल्पनिक नाम) नाम की एक लड़की से शादी की। यह लड़की बलात्कार पीड़ित है और जितेंद्र अपनी पत्नी को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। कभी पुरुष सत्ता में यकीन रखते थे लेकिन आज वह समाज के लिए एक मिसाल कायम कर रहे हैं।
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जैसा कि सब जानते हैं हरियाणा में भ्रूण हत्या अपने चरम पर है, जिसका नतीजा यह है कि वहां का लिंगानुपात बेहद खराब है और साल 2011 की जनगणना में वहां का लिंगानुपात 920:1000 है। इसके अलावा इस राज्य में रिकॉर्ड अपराध दर्ज किए जा रहे हैं।
औसतन हरियाणा में हर दिन 5 बलात्कार होते हैं और लगभग हर दूसरे दिन गैंग रेप जैसी घटनाएं होती रहती हैं। यह सिर्फ आंकड़े हैं वास्तविक रिपोर्ट का अनुमान लगाया जा सकता है। इन घटनाओं के साथ ही हरियाणा में खाप पंचायतों की स्थिति और वर्चस्व के लिए चुनौतियां बन रही है।
जितेंद्र का जन्म एक किसान परिवार में हुआ और वह एक ऐसे समाज में पले बढ़े जहां महिलाओं की भूमिका सिर्फ बच्चे पैदा करने और घर संभालने तक सीमित रही है और जितेंद्र का जीवन भी इन्हीं विचारों से प्रभावित रहा था। लेकिन इनकी परवरिश थोड़ा अलग हुई थी।
जितेंद्र बताते हैं कि उनकी मां काफी सशक्त महिला है, जो यह मानती है कि ईश्वर की नजर में स्त्री और पुरुष दोनों ही समान है। इसलिए उनकी मां ने कभी अपने बच्चों में फर्क नहीं किया और उन्हें हमेशा स्वतंत्र रूप से सोचने और सही रास्ते पर चलने के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया।
साल 2012 में उन्होंने जो बयान दिया था उसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह बयान कई मायनों में गलत था और वह अपने काम के जरिए अपने आप को सुधारना चाहते थे।
इसके बाद जितेंद्र हरियाणा की खाप पंचायत के साथ जींद के 24 गांवों में भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता पैदा करने का काम शुरू कर दिया और पुरुषों को नारीवाद के बारे में बताने और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना लाने के लिए सक्रिय रूप से पहल करने लगे।
आज “वह यूथ अगेंस्ट रेप” नाम के एक संगठन के सक्रिय सदस्य है। यह हरियाणा के वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओ का एक संगठन है। यह संगठन लोगों को मुफ्त कानूनी सलाह देने के साथ ही महिलाओं को प्राथमिकी दर्ज कराने में मदद करता है और शिक्षा के लिए जागरूक करता है।
इस संगठन के ही एक वकील सदस्य का कहना है कि अधिकांश महिलाएं सामाजिक कलंक और जागरूकता के अभाव में चलिए चलते इंसाफ के लिए कानूनी प्रक्रिया से डरती है।
लेकिन वह लड़की और लड़कों को आत्मरक्षा और कानूनी मदद के बारे में जागरूक करने का काम करते हैं जितेंद्र भी इस संगठन के एक सक्रिय सदस्य हैं और महिलाओं के मुद्दे पर वह काफी मुखर है और अपने जीवन से जुड़े अनुभव का उदाहरण देते रहते हैं।
बलात्कार पीड़ित से शादी :-
जितेंद्र लोगों को अपनी जिंदगी का एक उदाहरण देते हैं। दरअसल 19 साल की पूजा कि जब जितेंद्र से सगाई हो रही थी तो सगाई के कुछ हफ्ते पहले पूजा निर्भय होकर जितेंद्र से कुछ सवाल पूछती हैं और अपनी आपबीती बताती है।
वह बताती है “मैं आपके लायक हूं या नहीं, आप चाहे तो या शादी तोड़ सकते हैं, दरअसल मेरा गैंग रेप हुआ था। जब मैं 16 साल की थी और यह आपके परिवार की इज्जत के लिए अच्छा नही होगा”।
जब पूजा ने यह कहानी जितेंद्र को सुनाई थी तब जितेंद्र कुछ क्षण के लिए निशब्द हो गए थे और कमरे से बाहर भी चले गए थे। लेकिन एक घंटे बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि वह पूजा से शादी करने के लिए तैयार हैं और पूजा के माता पिता से कहा कि वह उनकी बेटी को इंसाफ दिला के रहेंगे।
जितेंद्र इस बारे में बताते हैं कि जब पूजा ने उन्हें इस घटना के बारे में बताया था तब उन्होंने पूजा से कोई सवाल नहीं किया और मन ही मन यह तय कर लिया कि जिन्होंने यह जघन्य अपराध किया है वह उन्हें सजा दिलाकर रहेंगे।
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जब उन्होंने पूजा से शादी की तो जितेंद्र को कुछ लोगों ने जान से मारने की भी धमकी दी, लेकिन वह पीछे नही हटे और शादी समारोह में समाज को एक संदेश देने के लिए उन्होंने पूरे गांव को आमंत्रित किया। आज पूजा की शादी को 5 साल हो गए हैं।
पूजा इस बारे में बताती हैं कि आज भी वह एक दूसरे की निजता का सम्मान करते हैं। एक दूसरे से लड़ते हैं और मदद करते हैं।
पूजा बताती हैं कि जितेंद्र की जिद पर ही उन्होंने पढ़ाई शुरू की। पूजा उस घटना के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, लेकिन अब उन्होंने फिर से ग्रेजुएशन कर लिया है।
अपराधियों ने अपराध के दौरान वीडियो और तस्वीरें ले ली थी, जिसको वायरल करने की धमकी देकर वह पूजा का शोषण करते थे। जब पूजा ने इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई तब मदद के बहाने पुलिस ने भी दुष्कर्म किया।
इस तरह से पूजा की कानून व्यवस्था से उम्मीद ही खत्म हो गई है। लेकिन जब उनकी जिंदगी में जितेंद्र आये तब काफी बदलाव हुआ।
आज 5 साल बीत गए हैं लेकिन अभी भी वह संघर्ष के लिए कर रहे हैं, तमाम चुनौतियों के बीच उन्हें आज भी देश की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है।
इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जीतेंद्र की तरह देश के अन्य युवा भी समझदारी से काम ले तो देश की स्थिति बदल जाएगी और समाज में महिलाओं को सम्मान मिल सकेगा। किसी भी महिला और बेटी को डर कर नही जीना पड़ेगा और इस तरह की घटनाये नही घटित होगी।