सर्वप्रथम बहुल व्यक्तित्व के धनी,समर्पित, सादगी व सरलता भरे, हर नई सोच-विचार,चिंतन के धनी, समता-समानता-समरसता के संगम,नि:स्वार्थ कर्मयोगी, उत्कृष्ट व्यक्तित्व, दीप की बाती की तरह सबके मनोबल एवं कर्मठता को प्रेरणा प्रदान करनेवाले , ऊर्जा से भरी जीवन शैली से ओत:प्रोत ,विनम्रता, आदि गुणों से युक्त स्व: रतन टाटा को मेरा भावों से शत- शत वन्दन एवं आपकी आत्मा जहाँ कहीं हो वह जल्द से जल्द अपने अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त करे यह मेरी मंगलकामना ।
यह सत्य है कि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है।जीव की आत्मा कभी नहीं मरती है । वह तो बस चोले बदलती है। हमने बहुत पुण्य कमाये तब यह हमको यह मनुष्य जीवन मिला है ।
भगवान ने अच्छे और बुरे की समझ केवल मनुष्य योनि को ही प्रदान की है।हर इंसान को मालुम है कि यह सही है और यह ग़लत।हमारे कर्मों के आधार पर ही हमारा अगला जन्म तय होता है।
रतन टाटा का जीवन उनका जीवन था जो मरणोपरांत भी जीवित है यानी लोग सदा उनको स्मरण करते रहेगे । कहते है कि अगर मरने के बाद भी यों जीवित रहना है तो एक काम जरूर करना कि जीवन में ऐसा कुछ कर जाना जिससे लोगों के दिलों में बसे रहो।
उद्योगपति रतन टाटा के जीवन का एक प्रसंग – एक बार लंदन में आपने वक्तव्य दिया था जिसकी सारभूत सुन्दर पंक्तियाँ सभी के लिए धारण करने योग्य सूक्तियाँ बन गई ।
उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढ़ी को अमीर बनने के लिए कभी प्रेरित न करें बल्कि उन्हें कर्मशील एवं श्रमशील बनाएँ वह श्रम-सह-कर्म करेंगे तो अमीर स्वतः ही हो जाएँगे इसमें कोई भ्रम नहीं है ।
आपकी यह पंक्तियाँ सभी के भीतर में आह्लाद पैदा करती है । हम प्रेम, सहयोग ,सद्भाव, समर्पण एवं करुणा रुपी दान आदि परिवार, समाज व देश के लिए करें तो मरणोपरांत के बाद भी याद आते हैं क्योकि अपने लिए तो हर कोई सोचता है, अपना जीवन जीता है ।
हमे अपनी जिंदगी को ऐसे सजाना है की जिन्दा इतिहास बन जाए , सुमन बन ऐसे महकना है कि उसकी सौरभ सदियों तक आए , अंधेरों मे विवेक का दीया बनकुछ इस कदर हमको जल जाना है की हमारी ज्योति ही,उजाले का प्रतीक बन जाए।
किसी भी व्यक्ति के योगदान को मापने का दुनिया में कोई पैमाना नहीं है, मनुष्य की अच्छाई और सेवा भाव ही उसके बाद स्मरण रहती है जो समाज के लिए सोचते हैं वे महापुरुष आज भी याद किए जाते हैं महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस , रतन टाटा आदि जैसे आदर्शवादी, सादगी, प्रेरणादायक महापुरुष जिन्होंने निस्वार्थ भाव से समाज हित में अनेक कार्य किए एवं देश की सेवा की। हमें समाज सद्कर्मी और समाज सेवा के कारण भी याद रखता है तो हमारे जीवन की सार्थकता है।इन्ही शुभ भावों से पुनः आपको शत- शत वन्दन!
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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