कई बार ऐसा होता है इंसान की जिंदगी में कई ऐसी परिस्थितियां आ जाती है , जिनकी वजह से वह इंसान हिम्मत हारने पर अक्सर मजबूर हो जाता है , परंतु हालात जैसे भी हो हमें कभी भी मेहनत और हिम्मत नहीं हारी चाहिए ।
अगर हम अपनी मेहनत और हिम्मत को हार जाएंगे तो हमारी जिंदगी का वजूद ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएगा ।
अर्थात इस बात की जीती जागती उदाहरण है ऋचा शेखावत , जिन्होंने अपनी जिंदगी में एक के बाद एक सदस्यों को खोया है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि ऋचा शेखावत ने अपने सास-ससुर के साथ अपने पति को भी खोया है परंतु फिर भी इन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी ।
इसके बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर न्यायिक सेवा परीक्षा में 88 वी रैंक हासिल की है , जबकि इनको लेकर बैठे बैठे सरकारी नौकरी मिल रही थी परंतु फिर भी इन्होंने मेहनत करके सफलता हासिल की है ।
यह है ऋचा शेखावत
जानकारी के लिए आप सभी को बता दे कि ऋचा शेखावत मूल रूप से जैसलमेर में स्थित नाचना से ताल्लुक रखती हैं , अर्थात ऋचा शेखावत को बचपन से ही पढ़ाई का काफी अधिक शौक था ।
इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद बीकानेर के महारानी कॉलेज से एवं महाराज गंगा सिंह यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की थी ।ऋचा शेखावत ने इंटरमीडिएट , बीए, एल एल बी ,एल एल एम फॉरेंसिक विज्ञान में पीजी अर्थात कई प्रकार की डिग्री हासिल की है ।
वर्ष 2006 में ऋचा शेखावत की शादी एक पुलिस ऑफिसर नवीन सिंह राठौड़ से हो गई थी , जिसके बाद यह मूल रूप से चुरू जिले में स्थित रतननगर थैलासर मैं रहने लग गई थी ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि ऋचा शेखावत की शादी को अभी मात्र 3 महीने ही हुए थे जिसके बाद एक सड़क हादसे के दौरान उनकी सास की दर्दनाक मौत हो गई थी , इस घटना के बाद पूरे परिवार को संभालने की जिम्मेवारी ऋचा पर आ गई थी।
ऋचा शेखावत ने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को उठाते हुए अपनी एलएलबी की पढ़ाई को जारी रखा अर्थात इन्होंने अपने परिवार एवं बच्चों को संभालते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की अर्थात वर्ष 2009 में इन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की ।
एलएलबी की डिग्री हासिल करने के ऋचा शेखावत ने अपना सारा समय अपने दोनों बच्चों की परवरिश में लगा दिया अर्थात सब कुछ अच्छा चल रहा था कि वर्ष 2017 में ऋचा के पति नवीन की मौत हार्ट अटैक से अचानक हो गई ।
RJS की परीक्षा में हासिल की है 88 वीं रैंक
ऋचा शेखावत के पुलिस अफसर पति की मौत के बाद या समय उनके लिए काफी दुख भरा था जब उन्हें अपने पति की जगह पर राजस्थान पुलिस में सरकारी नौकरी मिल रही थी , परंतु इस वक्त ऋचा ने पुलिस की नौकरी से इनकार कर दिया क्योंकि उस वक्त वह न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थी , अभी वह खुद को संभाल ही रही थी कि अगले ही वर्ष 2018 में उनके ससुर की भी मृत्यु हो गई ।
यह वक्त ऐसा था जब ऋचा मैं यह समझ लिया था कि अब उन्हें अपने बच्चों की परवरिश और उनकी पढ़ाई अकेले ही देखनी है अर्थात रास्ता काफी कठिन था परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी , अर्थात अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी जान लगाकर मेहनत की थी।
अर्थात अपनी इसी हौसले और मेहनत के बल पर उन्होंने वर्ष 2020 में आरपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली और इन्हें सरकारी विभाग में नौकरी मिल गई , परंतु फिर भी ऋचा अपनी पढ़ाई को लगातार जारी रखा और एक बार फिर से इन्होंने न्याय का सेवा परीक्षा में भाग लिया और इस पर वर्ष 2021 में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में 88 वीं रैंक हासिल करके अपना सपना पूरा किया ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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