प्रश्न होता है मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण गुण क्या है ? मैंने बहुत सोचा विचार किया तो मुझे इसका समाधान मिला की हमारी चिन्तन शक्ति सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण हैं ।
क्योंकि मानव परिस्थिति के अनुरूप अपने चिन्तन मैं परिवर्तन कर उस स्थिति का सामना कर आगे बढ़ सकता है क्योंकि चिन्तन में किसी भी स्थिति-परिस्थिति को बदलने का दमख़म हैं ।
अतः सकारात्मकता हमारे जीवन के चिन्तन में हर समय रहे। उदय होने वाला सूर्य भी अस्त होता है । साधारण तया लोग उगते सूर्य को ही प्रणाम करते हैं लेकिन अस्ताचल की तरफ जाते सूर्य को देख कर अनित्यता का बोध पा सकते हैं, वैराग्य भावना का विकास कर सकते हैं जैसा श्री हनुमानजी ने किया था।
जिसका संयोग होता है उसका वियोग होता है। जिसका उत्पाद होता है उसका व्यय होता है । मनुष्य जीवन धारण करके कर्म-पथ से कभी विचलित नहीं होना चाहिए।
विघ्नबाधाओं की, सफलता-असफलता की तथा हानि-लाभ आदि की चिंता किए बिना कर्तव्य के मार्ग पर चलते रहने में जो आनंद एवं उत्साह है, उसमें ही जीवन की सार्थकता है, इसमें कोई शक नहीं कि असफलता सदा दु:ख देती है किन्तु इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे हार का सामना न करना पड़ा हो अतः असफलताओं को पार करके ही हम सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।
इतिहास गवाह है ज्यादातर सफल व्यक्ति ने पहले असफलता का स्वाद चखा है , उन्होंने उसे एक सीख के रूप में लिया, उनके हर संघर्ष उनकी हर असफलता उन्हें हर बार कुछ ना कुछ सीख देते गए जिससे आगे के लिए सफलता के रास्ते और भी विस्तृत व पुष्ट होकर खुले ।
विश्व विख्यात गणितज्ञ आइंस्टीन बचपन में बार-बार असफल होने पर अपने को दिमागी कमजोर मान लेते तो आज वह विश्व विख्यात नहीं होते ।
थॉमस एडिसन ने 1000 से भी अधिक असफल परीक्षण किया फिर भी जब कोई उनको असफलता के बारे में पूछता तो वह यही कहते मैंने बल्ब तैयार न होने के हजार फार्मूले बना लिए असफल तो कभी हुआ ही नहीं।
यही विश्वास रखकर अपनी असफलता को सफलता में बदला जा सकता है । जीवन में लगन और चिन्तन में सकारात्मकता सफलता की कुंजी है।
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