आत्मविश्वास से हम हमारे उत्साह को जगाकर अपने जीवन को महान उपलब्धियों के मार्ग पर ले जा सकते है।
समझदार को इशारा ही काफ़ी होता है क्योंकि समझ मे आने में ये सार ज़िन्दगी का कुछ समय ज़रूर लगता है और इतने में तो जाने कितने लोगों की किस्मत का रुख बदल जाता है।
मैं भी सोच के हैरानी में रहता हुँ कि जो न सोचा होता इतना तो शायद मैंने भी अपनी ज़िंदगी के रुख को बदल दिया होता पर मेरा बढ़ता हर कदम मेरी मंज़िल के करीब तब होगा जब उस कदम के साथ में आत्मविश्वास , विनम्रता और निर्भीकता आदि होगी क्योंकि तब ही तो मैं खुद को समझना आदि जान पाऊँगा ।
जीवन के पीछे हम देखेंगे तो हमको अनुभव मिलेगा । जीवन में आगे देखेंगे तो आशा मिलेगी । हम दायें बायें देखेंगे तो सत्य मिलेगा और स्वयं के भीतर देखेगे तो परमात्मा व आत्मविश्वास हमको मिलेगा |
अपने सामर्थ्य पर हमको आत्मविश्वास हो । दृढ़ संकल्प और सही राह के प्रयास का शस्त्र आदि हमारे साथ हो । जो चिंता नहीं चिंतन करता , व्यथा नहीं व्यवस्था करता , सही की और प्रयास करता , सही कार्य करता , हृदय में इंसानियत का दरिया बहता आदि – आदि उसको आगे मंजिल सही राह की मिलती ही हैं ।
व्यावहारिक धरातल पर अपने प्रति आत्मविश्वास ,हर परिस्थिति में स्थिरता का आभास ,चरित्र की उज्ज्वलता , ज्ञान की गुणवत्ता , धर्म के प्रति आस्था-समर्पण , लक्ष्य के प्रति स्वयं का अर्पण , नीति -निपुणता , व्यवहार कुशलता , समय के साथ साझेदारी आदि का हम सही से सामंजस्य कर आत्मविश्वास में रत रहकर अपने जीवन को सही राह की और प्रशस्त कर सकते हैं ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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