हम हमारे जीवन में देखते है कि हर किसी की अपनी – अपनी उपयोगिता है चाहे शरीर को हम देख ले या और वस्तु में आदि ।
जीवक में कुछ नियमों को नियमित रूप से हमारे द्वारा दोहराते रहने की आवश्यकता है ताकि उनकी उपयेगिता हमारे ध्यान में रहे ।
यह तो निश्चित सत्य है कि खेत में बीज न डाले जाएँ तो कुदरत उसे घास फूस से भर देती है इसीलिए मन को भी मकान की तरह साफ रखना चाहिए नहीं तो वहम और गलतफहमियां मन में भर जाएगी |
सकारात्मक विचार जीवन की ऊर्जावान औषधि हैं जो हमको हर समय सही दिशा की और प्रेरित करती रहती हैं ।
जब हम अपने दिमाग का दिल से और शरीर का आत्मा से तारतम्य बना लेते हैं और लक्ष्य पर दृढ़ रहते है तो जिन्दगी अपने आप रास्ता खोज लेती है और आशा की किरण स्पष्ट दीखने लगती है।
अतः कैसे की चिन्ता न करें, अपने जीवन की कमान अपने हाथों में ले लें। अपने उद्देश्य पर केन्द्रित रहें तो आपके सपने साकार होंगे। कैसे होगा जिन्दगी इसकी खुद चिन्ता कर लेगी।
मन में सदा हमारे यही रहे कि कुछ वही बाँटता है जिसके पास जो कुछ जैसा भी कहीं होता है । सुखी आनन्द बाँटता है तो दु:खी दु:ख बाँटेगा ।
ज्ञानी के पास ज्ञान मिलेगा और जीवन के प्रमुख गुर अनुभवी देगा । आधुनिकता के इस दौर में युवाओं के लिए जिंदगी में सफलता हासिल करना एक बड़ी चुनौती है।
वहीं दूसरी ओर सफलता पाने के बाद उसे पचाना भी किसी कला से कम नहीं है। जैसे हार और जीत किसी भी खेल का हिस्सा है।
हमें पता होता है कि आज लोग हमसे निराश हैं और हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाने के लिए ज़िम्मेदारी लेते हैं। इस प्रकार हार पचा पाना वाक़ई में एक कला है।
सृष्टि द्वारा दिया गया बड़ा पेट यह ज्ञान देता है कि भोजन की तरह ही हमें बातों को भी पचाना सीखना चाहिए जो व्यक्ति ऐसा कर लेता है वह हमेशा खुशहाल रहता है।
जो हर अच्छी और खराब बात को पचा जाते हैं। किसी भी बात का निर्णय सूझबूझ के साथ लेते हैं। विज्ञान के अनुसार यह खुशहाली का प्रतीक है। इस तरह ये ही तो कुछ तत्व है जो सदा हमारे ध्यान में रहने चाहिए जैसे सुखी जीवन के सत्व आदि ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )
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