Wasif Mohammed ने अपने परिवारिक बिजनेस की हालत कमजोर होने पर कठिन कार्य करने का फैसला लिया, दरअसल प्रतियोगिता बढ़ाने और मार्जिन घटने से उनका पीयू फोम का पारिवारिक बिजनेस कम हो गया था।
तो उन्होंने MH Polymers नाम के अपने फैमिली बिजनेस को पुनर्जीवित करने के लिए एक नया तरीका अपनाया। बता दें कि Wasif Mohammed का परिवार लगभग तीन दशक से पीयू फोम बेचने बेचने का काम कर रहा।
पीयू फोम के अपहोल्डर्स, फर्नीचर, गद्दे, जूते आदि में एप्लीकेशन की एक बड़ी सीरीज है। MH Polymers अपने B2B मॉडल के माध्यम से इनकी मांग को पूरा करता रहा है। इसी में पीयू फोम की एक स्थापित प्रोडक्शन यूनिट थी।
Wasif Mohammed ने महसूस किया कि राजस्व बढ़ाने और मार्जिन बढ़ाने के लिए उन्होंने B2B फोम मैट्रेस ब्रांड में कुछ बदलाव किये। हालांकि एक बड़े मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को स्टार्टअप के रूप में बदला आसान काम नही था।
2016 में Wasif Mohammed ने B2C मैट्रेस ब्रांड Fresh Up Mattresses शुरू करने के लिए अपनी खुद की एक छोटी सी टीम बनाई।
2 सहायक और परिवारिक व्यवसाय से 15 लाख पूंजी के निवेश के साथ उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया। वासिफ ने अपना स्टार्टअप ग्रेटर नोएडा से शुरू किया था। जहां पर वह मैट्रेस डिजाइन करने और निर्माण करने की यूनिट लगाई थी।
दो Helper और Second hand मशीन से की शुरुआत :-
एक इंटरव्यू में Wasif Mohammed ने बताया Fresh Up ब्रांड के लिए नई मशीन के साथ कारखाना स्थापित करना काफी कठिन और महंगा था। तब उन्होंने मौजूद फेसेलिटी में कुछ जगह बनाई और कुछ सेकंड हैंड मशीन लिये, दो सहायकों को ₹8000 और ₹10000 प्रति माह तनख्वाह पर काम पर रख लिया और गद्दे बनाने का काम शुरू किया।
शुरू में वह किफायती गद्दे बनाये जिनकी कीमत ₹4600 से शुरू होती थी। वह गद्दे के बाजार के लिए इस असंगठित क्षेत्र पर धीरे धीरे अपनी पकड़ मजबूत बना ली।
वह पिछले 4 सालों में ढाई सौ से अधिक कर्मचारियों के साथ उत्तर भारत में तेजी से बढ़ता हुआ मैटर ब्रांड बन गया है। जिसने पिछले साल 38.45 करोड़ का व्यापार किया।
प्रोडक्ट की मार्केटिंग : –
Wasif Mohammed ने पहले बाजार का अध्ययन किया और असंगठित क्षेत्र की पहचान की। असंगठित क्षेत्र कपास का इस्तेमाल करके गद्दे के उत्पादों को बेचने के लिए जाना जाता है।
खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों को वह कम कीमत पर बेचते है। वही अच्छी गुणवत्ता वाले गद्दे के ब्रांड अपनी कीमतों को अधिक रखते थे। Wasif Mohammed बताते हैं उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाले गद्दे बाजार में कम थे।
आधे से अधिक भारतीयों ने अच्छी गुणवत्ता वाले गद्दों को कभी उपयोगी नही किया था। इसलिए उन्होंने इस असंगठित क्षेत्र में बड़े ब्रांड के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय किफायती और गुणवत्ता युक्त गद्दे बनाने का फैसला किया।
फैमिली बिजनेस की वर्टिकल इंटीग्रेटेड पीयू फोम यूनिट से उन्होंने कम लागत पर कच्चा माल प्राप्त किया और स्थानीय असंगठित गद्दा निर्माताओं की तुलना में बेहतर गुणवत्ता गद्दे बनाने शुरू किये।
जब गद्दे पर जीएसटी 18% कर दिया गया था तब सस्ते गद्दे बेचने के लिए यह उनके लिए एक मौके की तरह था। इससे असंगठित क्षेत्र के खिलाड़ी प्रतिष्ठा प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हो गए थे।
Wasif Mohammed ने स्टार्टअप के तहत फोम के गद्दे से शुरुआत की थी और स्प्रिंग और ऑर्थोपेडिक गद्दे भी बनाने शुरू कर दिये।
वह बताते हैं कि उन्होंने देखा कि भारतीय विशेष रूप से पुराने लोग कठिन सतहों पर सोना पसंद करते थे और फोम के गद्दे स्प्रिंग की तुलना में नरम होते थे।
यह भी पढ़ें :- बिना किसी पूँजी के अपने बेडरूम से ही बहुराष्ट्रीय कंपनी बनाने वाले युवक Varun Shoor की दिलचस्प कहानी
बाजार में हिस्सेदारी कम होते देख उन्होंने कॉयर गद्दों में घुसने का फैसला किया। कॉयर बनाने वाले कुछ ही कारखाने थे और इसे फोम में से बदल दिया गया।
जब बिजनेस में अच्छी शुरुआत हो गई तो उन्होंने नई मशीनें खरीद ली। आज उनके पास उत्तर भारत में स्प्रिंग गद्दे के लिए उच्च क्षमता है। वह प्रतिदिन ढाई हजार गद्दे उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं। उनके उत्पाद बाजार में तेजी अपनी जगह बना ली है।
Wasif Mohammed ने गद्दे बेचने के लिए B2C से व्यवसाय को नही रोका। पिछले कुछ दशकों में देखा जाए तो भारत में अच्छी गुणवत्ता वाले गद्दों की मांग तेजी से बढ़ी है।
बेहतर उत्पादकों के बारे में लोगों की जागरूकता और रात की नींद के स्वास्थ्य लाभ ने गद्दों की मांग को बढ़ा दिया। एक आंकड़े के अनुसार भारतीय गद्दा बाजार 10% सीएजीआर (CAGR) के बढ़ने की उम्मीद है जो साल 2022 तक 2.5 बिलियन डालो तक पहुंच सकता है।
Kurlon, Peps, Springwell, Coirfoam आदि बड़े ब्रांड के साथ Wakefit और Housefull जैसे स्टार्टअप ब्रांडेड गद्दे के बाजार में तेजी से अपनी पकड़ बना रहे है।
Wasif Mohammed ने विश्लेषण करना शुरू किया कि अन्य ब्रांड क्या कर रहे हैं और उनकी क्या कमियां है ? तब उन्होंने देखा कि उपभोक्ता गहरे रंग के गद्दे पसंद कर रहे हैं क्योंकि हल्के रंग के कपड़े के गद्दे जल्दी गंदे हो जाते थे।
गहरे रंग में निशान और गंदगी को अच्छी तरीके से छुपाया जा सकता था। तब उन्होंने गहरे रंग के कपड़ों का उपयोग करके गद्दे बनाना शुरू किया।
Innovation :-
Wasif Mohammed ने अपने गद्दे में इस्तेमाल होने स्प्रिंग पॉकेट की संख्या को बढ़ा दिया ताकि उपभोक्ताओं को सोते समय सपोर्ट महसूस हो।
वह बताते है हमने पॉकेट इस प्रकार डिज़ाइन की कि गद्दे उच्च घनत्व पॉकेट स्प्रिंग से बनाये जाये। स्प्रिंग की संख्या बढ़ा दी जिससे बेहतर बाहर दबाव बने और सपोर्ट बनाने में मदद मिले। वह भारत में एचडी पॉकेट स्प्रिंग बनाने वाले पहले मैट्रिक ब्रांड है।
आगे की प्लानिंग : –
ब्रांड ने घर पर ज्यादा समय बिताने वाले उपभोक्ताओं के साथ कोरोना वायरस महामारी के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया। जून 2020 से अक्टूबर 2020 के बीच उन्हें 19.3 4 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।
हालांकि नकली उत्पादक उनके लिए एक चुनौती है। वारिस ने उम्मीद जताई है कि साल 2021 में वह 50 करोड़ से 55 करोड़ तक पहुंच सकते हैं। उनका अगला लक्ष्य 100 करोड़ का कारोबार करना है।
वह अपने प्रतिदिन ढाई हजार गद्दे की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए नई तकनीक पर काम कर रहे हैं शो करो के आंकड़े का कारोबार करने के बाद मासिक किसी आईपीयू या वेंचर कैपिटल फंडिंग के जरिए फंड जुटाना चाहते हैं