Success story of IAS Nooh Siddiqui :-
आईएएस ऑफिसर मोहम्मद नूह सिद्दीकी के IAS बनने का सफर, यूपीएससी की तैयारी करने वाली हर अभयार्थी के लिए एक प्रेरणा है। बता दें कि मोहम्मद नूह सिद्दीकी ने यूपीएससी 2017 की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। उन्हें इस परीक्षा में सफलता करीब 7 साल के संघर्ष के बाद मिली।
नूह सिद्दीका को अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स में असफलता मिली थी, दूसरे प्रयास में उन्होंने प्रिलिम्स तो क्वालीफाई किया को क्वालीफाई किया लेकिन उनका मेंस क्वालीफाई नहीं हुआ। तीसरे प्रयास में उन्होंने फिर से प्रिलिम्स परीक्षा में असफलता प्राप्त की।
उन्होंने फिर से चौथा प्रयास किया और चौथे प्रयास में वह मेन में क्वालिफाई नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने पांचवें प्रयास में प्रिलिम्स, मेंस क्वालीफाई किया और इंटरव्यू दिया और उन्हें सफलता मिल गई।
उन्हें अपने चार प्रयासों में असफलता मिली। लेकिन उन्होंने इन असफलताओं से हार नहीं मानी। उन्होंने अपना पांच प्रयास में इसे पर किया और ऑल इंडिया रैंक 279 प्राप्त करके अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया।
नूह सिद्दीकी के UPSC के सफर में कई सारी चुनवतियाँ में आई लेकिन उन्होंने चुनौतियों के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि चुनौतियों का डटकर सामना किया। उनकी मेहनत रंग लाई और नतीजा रहा कि उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।
इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी की तैयारी :-
नूह सिद्दीकी ने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन साल 2011 में किया। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी में आने का मन बनाया और तैयारी करने लगे। यूपीएससी में लगातार उन्हें चार बार असफलता मिली।
लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी उन्होंने मन ही मन में ठान लिया था कि उन्हें यह परीक्षा पास करनी है। लगभग 7 साल के संघर्ष के बाद 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और अपना सपना पूरा किया।
नूह सिद्दीकी से हर अभयार्थी को यह प्रेरणा मिलती है कि अगर कुछ करने के लिए ठान लिया जाए तो कामयाबी एक न एक दिन जरूर मिल के रहती है। उन्होंने असफलता पाने के बाद भी हर बार दुगनी उम्मीद के साथ परीक्षा दी और अंत में नतीजा यह हुआ कि उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी मिल गई।
परिवार और दोस्तों को सपोर्ट –
बहुत सारे लोगों का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान आप जितना ज्यादा कम लोगों से संपर्क में रहे उतना अच्छा है। इसलिए लोग अपने परिवार और दोस्तों से भी संपर्क बेहद कम कर लेते हैं। लेकिन नूह सिद्दीकी ने ऐसा नहीं किया।
नूह सिद्दीकी का कहना है कि आप जब अपने परिवार वालों से बात करते हैं तो आपको हौसला मिलता है और इससे तनाव कम होता है। असफलता के बाद परिवार और दोस्तों का सपोर्ट होना बेहद जरूरी है। उन्ही से हौसला मिलता है और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
यूपीएससी कैंडिडेट को सलाह –
नूह सिद्दीकी UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में शामिल होना वाले अभ्यार्थियों को सलाह देते हैं कि सबसे पहले खुद पर भरोसा रखें, तभी आप इस परीक्षा में सफलता हासिल कर पाएंगे ।
असफलता मिलने पर यह बेहद जरूरी है कि जल्द से जल्द असफलता से उबर कर दुगने जोश के साथ फिर से तैयारी में जुट जाए। अपने आप को हर तरह से मोटिवेट रखने की कोशिश करें और लगातार सही दिशा में मेहनत करें। इससे इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।