भारत में आज भी लैंगिक असमानता एक गंभीर समस्या बनी हुई है, भले ही देश Economic and political प्रगति कर रहा है। हालांकि बदलते परिदृश्य के साथ लोगों की सोच में काफी परिवर्तन आ रहा है और महिलाएं भी अपनी कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता के साथ हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी दर्ज कर रही है।
चुनौतियों से मुकाबला करने वाली ऐसी ही कहानी है Pratibha Verma की। साल 2019 की संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सिविल सर्विसेज एग्जामिन के फाइनल रिजल्ट में Pratibha Verma ने तीसरी रैंक हासिल की है। इस तरह प्रतिभा लड़कियों में टॉप स्थान पर हैं।
Pratibha Verma उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं, जिन्होंने पिछले साल भी यह परीक्षा पास की थी दूबारा परीक्षा में रैंक सुधार के उन्होने साबित कर दिया है कि मेहनत करने वाले को कामयाबी मिल कर रहती है।
गांव से हिंदी मीडियम में की पढ़ाई :-
Pratibha Verma की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई सुल्तानपुर के गांव में ही की। इसके बाद 2010 में उन्होंने सुल्तानपुर छोड़कर दिल्ली जैसे बड़े शहर आ गई और यहां पर आकर Exam preparation करना आसान नहीं था क्योंकि प्रतिभा वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा Hindi medium में हुई थी लेकिन वह अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहती थी, इसलिए वह लगभग एक दशक तक अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करती रही और साल 2018 की आईएएस परीक्षा में उनका चयन आईआरएस के पद पर हुआ था।
उसके बाद दोबारा से उन्होंने परीक्षा दी और इस साल उन्होंने तीसरी रैंक हासिल की और महिलाओं में टॉप किया। 2018 तक प्रतिभा वर्मा ने Vodafone company में मैनेजर के पद पर भी कार्य किया है। 2018 में उन्हें सहायक आयुक्त इनकम टैक्स का पद मिला था, लेकिन वह आईएस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए फिर से दृढ़ निश्चय के साथ कोशिश की और सफलता हासिल की।
प्रतिभा वर्मा का कहना है कि लक्ष्य प्राप्त के लिए सबसे पहला काम है लक्ष्य का निर्धारण करना और व्यक्ति को हमेशा अपनी चाहत के अनुसार ही अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। High school and intermediate exams के दौरान ही अपनी रूचि के विषय को तय करने के बाद आगे की पढ़ाई करनी चाहिए, इससे एक दिशा मिलती है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं उस क्षेत्र से जुड़े लोगों के बारे में और उनकी जिंदगी और उनकी कठिनाइयों के बारे में पढ़े कि उन्होंने सारी चुनौतियों का सामना किस तरह से किया है।
इस तरह करें परीक्षा की तैयारी :-
प्रतिमा वर्मा का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा के लिए NCERT की किताबें बेहद उपयोगी होती हैं जिसमें विशेष करके इतिहास, भूगोल, इकोनामी और 9 विन क्लास तक की बेसिक किताबें बेहद उपयोगी होती हैं। साथ ही कक्षा 11 और 12 वीं की सामाजिक विज्ञान, Environment and Biology बेहद महत्वपूर्ण है।
इसमे विज्ञान और प्रौद्योगिकी की जानकारी जरूरी होती है, इसे करंट अफेयर से भी कवर किया जा सकता है। भारत और दुनिया भर में जो भी घटनाएं होती रहती हैं उन पर नजर रखें, इससे करंट अफेयर्स तैयार हो जाएगा इसके अलावा नियमित तौर से रोजना अखबार पढ़ना जरूरी है।
प्रतिमा वर्मा कहती हैं कि अंग्रेजी भाषा इस परीक्षा के लिए रोड़ा नहीं है। ऐसा नहीं है कि किसी को अंग्रेजी नहीं आती तो वह परीक्षा में पास नही कर सकता हैं। बस अंग्रेजी माध्यम में स्टडी मटेरियल आसानी से और ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है।
प्रतिभा वर्मा ने अपनी सफलता से यह सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प होकर अगर लक्ष्य का पीछा किया जाए तो दुनिया में सब कुछ मुमकिन है।