अक्सर सभी लोगों के मन में इस प्रकार की भावना होती है कि अगर वह पढ़ने में अच्छे हैं तो वह जिंदगी के हर पड़ाव को आसानी से पार कर सकते हैं।
आपने अपने जीवन में सुना ही होगा कि कई लोग ऐसा कहते हैं कि बच्चा पढ़ने में काफी तेज है आगे चलकर कलेक्टर बनेगा। इन सभी कथनों से सभी का सामना कभी ना कभी तो हुआ ही होगा।
भारत में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है परंतु कई लोगों का कहना है कि जो लोग पढ़ने में तेज है वह इस कठिन परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हैं।
परंतु इस कथन को पूरी तरह से गलत साबित करने का कार्य वर्ष 2018 में हुई भारत की सिविल सेवा परीक्षा को पास करके आईएएस अफसर बनने वाले कुमार अनुराग ने किया है।
आईएएस कुमार अनुराग की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायक है जो पढ़ाई से जी चुराते हैं अन्यथा यह समझते हैं कि वह आगे चलकर किसी भी सरकारी परीक्षा को पास नहीं कर पाएंगे।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि आईएएस अनुराग पढ़ाई में कुछ खास नहीं थे और स्कूल में प्री बोर्ड की परीक्षा में वह 1 बार फेल भी हो चुके हैं, अन्यथा आप को यह बात जानकर काफी हैरानी होगी कि कुमार अनुराग ने यूपीएससी की परीक्षा को दो बार पास किया है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अनुराग मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं। अनुराग ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिंदी मीडियम स्कूल से की थी अन्यथा उसके बाद उन्हें अंग्रेजी मीडियम में डाल दिया गया था।
इस दौरान पढ़ाई में उन्हें काफी दिक्कत हुई परंतु अनुराग ने मन लगाकर पढ़ाई की और 10वीं और 12वीं में काफी अच्छे नंबर लाए ।
इसके बाद अनुराग ने दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में एडमिशन लिया अनुराग के लिए यह एक ऐसा दौर था जहां पर उनका पढ़ाई में किसी भी प्रकार से मन नहीं लगता था।
पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण वह ग्रेजुएशन के कई सब्जेक्ट में फेल हो गए थे, इसके कुछ समय बाद उन्होंने धीरे-धीरे ग्रेजुएशन से पोस्ट ग्रेजुएशन की ओर दाखिला लिया।
अन्यथा यही पड़ाव था जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया और अपनी तैयारी शुरू कर दी, जिस पल अनुराग की पीजी की पढ़ाई पूरी हुई उसके कुछ
समय बाद ही अनुराग ने यूपीएससी की तैयारी करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया और पूरी मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में लग गए।
आईएएस अफसर कुमार अनुराग कि यह रणनीति इतनी कारगार रही कि उन्होंने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली।
परंतु पहली प्रयास में सफलता प्राप्त करने के बाद अनुराग अपने रैंक से संतुष्ट नहीं थे प्रथम प्रयास में उन्हें 677 रैंक मिली थी , परंतु इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया और एक
बार फिर से कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी की तैयारी में जुट गए इसके बाद दूसरे प्रयास में यूपीएससी सीएआई की परीक्षा में उन्होंने पूरे भारतवर्ष में 41 वी रैंक हासिल की थी।
अनुराग का कहना है कि अगर आप किसी भी कठिन परीक्षा को पास करना चाहते हैं तो आप का बैकग्राउंड एजुकेशन महत्व नहीं रखता है अगर आप नये सिरे से शुरुआत करें तो सफलता आपको अवश्य प्राप्त होगी।
लेखिका : अमरजीत कौर
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