आज हम बात करने वाले हैं गुणसुंदरी के बारे में , जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गुणसुंदरी तमिलनाडु के तंजौर के एक साधारण से परिवार की रहने वाली है , अर्थात बचपन से ही गुणसुंदरी स्कूली शिक्षा से लेकर अपनी कॉलेज तक की डिग्री तक टॉपर रही है हमेशा ही गुणसुंदरी ने हर परीक्षा में अव्वल नंबर हासिल किए हैं ।
बातचीत के दौरान पता चला है कि गुणसुंदरी को बदलती टेक्नोलॉजी में काफी अधिक रुचि थी और इसके साथ ही साथ उन्हें कोडिंग सीखने की काफी अधिक इच्छा थी , अगर हम आपको एक आसान भाषा में बताएं तो गुणसुंदरी को कुछ क्रिएटिव और अलग सीखने की इच्छा थी ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गुणसुंदरी के पिता अपने बेटे के साथ सब्जी का ठेला लगाते हैं परंतु सीमित आय के साथ-साथ पिता ने कभी भी अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के बीच में रोड़े नहीं आने दी ।
पिता ने सीमित आय होने के साथ ही साथ अपनी बेटी को हमेशा ही पढ़ाई के लिए प्रेरित किया है और इंजीनियरिंग करने के लिए काफी अधिक जोर दिया है , गुणसुंदरी बताती है कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने ।
21 वर्ष से गुणसुंदरी का कहना है कि वैसे तो तमिलनाडु का तंजौर शहर काफी बड़ा है परंतु जिस शिक्षा को गुणसुंदरी हासिल करना चाहती थी वह टेक्निकल शिक्षा तंजौर में नहीं मिल पा रही थी ।
इतना ही नहीं गुणसुंदरी कहती है कि वह अपने पूरे परिवार में पहली ऐसी इंसान थी जो कॉलेज जा रही थी साथ ही गुणसुंदरी ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद तमिलनाडु के तंजौर के शहर में स्थित गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ट्रेड मैं बीटेक की पढ़ाई करने के लिए एडमिशन लिया ।
इस दौरान गुणसुंदरी बताती है कि उनके कॉलेज में भले ही ‘पाइथन’ (प्रोग्रामिंग लैंग्वेज) की शुरुआती ट्रेनिंग तो दी जाती है परंतु किसी प्रकार का खास कोर्स नहीं होता है , जिससे हमें विषय के बारे में काफी स्पेशलाइजेशन पता चलती है।
गुणसुंदरी बताती हैं कि उनके कॉलेज के आखिरी वर्ष में उन्होंने टेक सक्षम नाम से एक प्रोग्राम में हिस्सा लिया था जिसका मूल उद्देश्य टेक की पढ़ाई को पूरी करने वाली लड़कियों को सम्मानित किया जाता है और साथ ही साथ उन्हें इंटरशिप भी दिलाई जाती है ।
इस दौरान गुणसुंदरी ने टेक सक्षम के सारे प्रोग्राम में सभी क्लास में अपनी गुणवत्ता को दिखा दिया उसने पहले दिन ही पर्फेक्ट कोड बनाकर अपने काम को दर्शा दिया था इसके साथ ही साथ गुणसुंदरी ने भी वेब डिजाइनिंग में काफी अधिक कमाल का कार्य करके दिखाया है उसने महज छह महीनों में वेब डिजाइनिंग की एक एक्सपर्ट बन गई है ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि गुण सुंदरी ने लगभग 6 महीने के वर्कशॉप के बाद जॉब की तैयारी के लिए मेहनत करने लगी काफी प्रयास के बाद गुणसुंदरी को जॉब के ऑफर आने लगे और इस दौरान गुणसुंदरी की मेहनत रंग लाई ।
आज वह कोडिंग की एक अच्छी कंपनी में काम कर रही है साथ ही साथ गुणसुंदरी उन लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन कर सामने आ रही है जो साधारण परिवार से होते हुए भी काफी ऊंचे ख्वाब देखती हैं और उसे सफल नहीं कर पाती हैं उनके लिए आज गुणसुंदरी की यह कहानी काफी प्रेरणा दायक वाली है ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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