ADVERTISEMENT

वक्त है परिवर्तनशील : Waqt Hai Parivartansheel

ADVERTISEMENT

समय सदैव परिवर्तनशील होता है यह बदलता है तो अकस्मात ही परिवर्तन होता हैं । जो उदित होता है,वह निश्चित ही समय आने पर अस्त होता है। इस सच्चाई को आत्मसात करने वाला कभी पस्त नहीं होता है। सृष्टि का यह शाश्वत नियम जङ, चेतन दोनों पर लागू होता है ।

जन्म-मरण के रहस्य को जानने वाला कभी त्रस्त नहीं होता है। वो जीवन ही क्या जिसमें उतार-चढ़ाव ना आये।जब प्रतिकूल समय का सामना करेंग़े और उस दर्द को सहने की हिम्मत जुटायेंगे तब ही अनुकूल समय की ख़ुशियाँ महसूस कर पायेंगे।

ADVERTISEMENT

इस जीवन में हर वस्तु परिवर्तन शील है। पानी वो ही होता है पर फ्रिज़र में रख देंगे तो बर्फ़ बन जाती है और फ़्रीज़ के बाहर रख देंगे तो वापिस पानी। भगवान ने मनुष्य को वो समझ दी है कि जब समय विपरीत हो तो थोड़ा संयम धारण करे।

मन में यही चिंतन करे कि जब एक दिन उदय होने से लेकर वापिस दूसरे दिन उदय तक कितने पहर देखता है।ठीक वैसे ही जीवन में बदलाव आये तो यही चिंतन रहे कि यह भी स्थायी नहीं रहेगा।हर अमावस्य की घोर अंधेरी रात आयी है तो कुछ दिनो बाद पूनम की चाँदनी भी दिखायी देगी।

घटनाएं हमारे अनुकूल घटेगी सभी ये सम्भव नहीं है जिंदगी में,हमें अपने चिंतन को प्रतिकूल घटना में अनुकूल बनाकर जीने का प्रयास करना पड़ता है।

हम ज्यादा व्यग्र न बनें परिस्थिति से और जल्दी सम्भलकर अपने जीवन मे सन्तुलन बैठा सकें, ये हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ है। अच्छे वक्त में हम कभी फूलें नहीं और अपनों को कभी भूलें नहीं। यही आचार व्यवहार आदि हमारे जीवन में करणीय होने चाहिए।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )

यह भी पढ़ें :

समाज और साहित्यकार : Samaj aur Sahityakar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *