पिछले 12 सालों से अब तक 4 लाख लोगों का भर चुके हैं पेट, समर्थ लोगों से खाना लेकर जरूरतमंदों का पेट भरते हैं

पिछले 12 सालों से अब तक 4 लाख लोगों का भर चुके हैं पेट, समर्थ लोगों से खाना लेकर जरूरतमंदों का पेट भरते हैं

साल 2020 कोरोना वायरस महामारी के लिए इतिहास मे दर्ज हो गया। इस महामारी के दौरान लोगों ने तमाम तरह की मुश्किलों का सामना किया, वही कुछ ऐसे भी लोग रहे जो जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए दिन-रात जुटे रहे और समाज के सामने एक मिसाल पेश की।

आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में जानेंगे जो पिछले 12 साल से जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं और हर पल वह दूसरे लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं फिर चाहे वह कोई महामारी का दौर हो या फिर कोई सामान्य दिन, उनकी कोशिश रहती है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये।

हम बात कर रहे हैं केरल के कन्नूर जिले के सीपी सुरेश कुमार की, जो पिछले 12 सालों में अब तक लगभग 4 लाख लोगों को खाना खिला चुके हैं। वह जरूरतमंदों को खाना ही नही खिलाते बल्कि कपड़े भी बांटते हैं।

वह बताते हैं उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसे तमाम लोगों को देखा है जो कभी अमीर हुआ करते थे, लेकिन किसी वजह से आज उनके एक पास पैसा नही है।

आज भी वह काम पर जाते हुए कई लोगों को भीख मांगते हुए देखते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है। सीपी सुरेश कुमार हमेशा से ही लोगों की मदद करने में विश्वास रखते हैं और जरूरतमंदों को खाना खिलाते है। इस अभियान में आगे बढ़ने के लिए वह दूसरे लोगों से भी मदद लेते हैं।

सामुदायिक पहल की शुरुआत :-

बिक्री और परचून दुकानों पर छोटा-मोटा काम करते हुए सीपी सुरेश कुमार ने जो भी बचत में पैसे रखे थे, उससे उन्होंने 50 प्रिंट आउट छपवाया और उसे अलग-अलग बस स्टैंड पर लगा दिये।

वह बताते हैं कि उन्हें कोई उम्मीद तो नही थी कि मदद मिलेगी, लेकिन उन्होंने एक बार कोशिश करने की सोची, क्योंकि नोटिस लगाकर वह किसी को बाध्य नही कर रहे थे बस अगर कोई मदद करना चाहे तो वह खाना लाकर कन्नूर तालुका ऑफिस में दे सकता था, जिससे वे उन्हें जरूरतमंद लोगों को दे सके।

यह भी पढ़ें : बनारस की तंग गलियों में बाइक को मिनी एंबुलेंस बना लोगो की मदद कर रहा यह युवा

उस नोटिस में उन्होंने लिखा था अगर आपके घर खाना ज्यादा बन गया है तो उसे दोपहर में 1 से 2 के बीच कन्नूर तालुका ऑफिस के पास लाकर बांट सकते हैं।

भोजन कितनी भी मात्रा मे हो, मांसाहारी हो या शाकाहारी चलेगा, बस वह जूठा, खराब और दूषित नही होना चाहिए, जिससे खाने वाले व्यक्ति को फूड प्वाइजनिंग जैसे समस्या न हो।

64 वर्षीय सीपी सुरेश कुमार बताते हैं कि पहले दिन से ही लोग मदद करने के लिए आगे आने लगे। उन्हें याद है पहले दिन उन्हें 25 खाने की पैकेट मिले थे, जिसे उन्होंने 25 लोगों को दिया और उन लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखकर उन्हें संतोष हुआ और प्रेरणा मिली।

लोगों की मुस्कान देखकर सुरेश इस बात के लिए प्रेरित हुई कि वह और ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंचाएं और सबसे दिलचस्प बात यह है कि दूसरे दिन उन्हें और भी ज्यादा खाने के पैकेट मिले।

कई बार तो ऐसा हुआ जब सुरेश को एक दिन में 200 से भी अधिक लोगों को भोजन वितरित करना पड़ा। पिछले 12 साल में एक भी दिन ऐसा नही बीता जब उन्होंने लोगों को खाना न बाटे हों।

यह भी पढ़ें : अजीम प्रेमजी जिन्हें अमीरी रोमांचक नही लगती, परोपकारी के लिए रहते है तैयार

केरल बिजली बोर्ड में काम करने वाले सनी शनद बताती हैं कि वह अपने बच्चों के जन्मदिन पर ज्यादा खाना बनाती हैं और कुछ खाने को वह सीपी सुरेश कुमार को दे देती हैं, ताकि वह अन्य दूसरे जरूरतमंद लोगों को बांट सके।

इस तरह से वो पिछले 8 साल में 16 बार जरूरतमंद लोगों को खाना खिला दी है। सीपी सुरेश कुमार बताते हैं कि कभी बार उन्हें सिर्फ दो बार का खाना मिलता है, तो कई बार बहुत ज्यादा। इसलिए वह इसे बैलेंस करके लोगों को बांट देती हैं, जिससे रात का खाना भी इसमें खा सकें।

वह जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने के अलावा कभी-कभी जब लोग जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े और चावल भी देकर चले जाते है तो वो उनको भी जरूरतमंदों में बाटते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *