गीता गोपीनाथ के पति इकबाल धालीवाल यूपीएससी टॉपर और स्वर्ण पदक विजेता आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और अमेरिका चले गए। वह अब MIT की पॉवर्टी एक्शन लैब के प्रमुख हैं।
भारतीय-अमेरिकी गीता गोपीनाथ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में मुख्य अर्थशास्त्री बनाया गया है। वह जेफ्री ओकामोटो के स्थान पर आईएमएफ के पहली उप प्रबंध निदेशक बनने वाली है।
ऐसा इतिहास में पहली बार होगा जब कोई महिला इस पद की कमान संभालेगी। वह आईएमएफ की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री भी इसके पहले थीं।
गीता की इस उपलब्धि पर उनकी मां विजयलक्ष्मी ने कहा, “मैं भगवान की आभारी हूं कि गीता के पास सबसे अच्छा जीवन साथी है।” मेरे दामाद ने यह सुनिश्चित किया है कि गीता हर दिन काम से एक प्यारे परिवार में वापस आये। एक महिला के लिए अपने पति के समर्थन के बिना सफल होना आसान नहीं है।”
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई के दौरान ही गीता पहली बार पति इकबाल सिंह धालीवाल से मिलीं थी। ये दोनों हर रोज एक ही बस से एक साथ कॉलेज जाते थे और बाद में प्रिंसटन जाते थे, जहाँ उन दोनों ने मास्टर डिग्री हासिल की।
गीता गोपीनाथ के पति इकबाल धालीवाल के बारे में 10 बातें –
- इकबाल का जन्म 1972 में बेंगलुरु में एक ऐसे पिता के यहाँ हुआ था जो सीमा सुरक्षा बल में तैनात थे। इकबाल की माँ एक स्कूल चलाती थी। उसकी एक बहन है, जो डॉक्टर है।
- इकबाल ने दिल्ली के मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई किये है और 1989 बैच के हेड बॉय भी थे। उन्होंने अपने छात्र जीवन के 14 साल उसी स्कूल में बिताये।
- उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीए किया, उसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में एमए और प्रिंसटन स्कूल ऑफ पब्लिक एंड इंटरनेशनल अफेयर्स से अंतर्राष्ट्रीय विकास में एमपीए किया।
- सिविल सेवा परीक्षा का प्रयास करने से पहले इकबाल ने मई 1994 से जुलाई 1996 तक गुड़गांव के संत मेमोरियल पब्लिक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम भी किया है।
- जून 1994 में इकबाल ने अपना पहला UPSC CSE प्रयास दिया और 229 का अखिल भारतीय रैंक (AIR) हासिल किया और उन्हें भारतीय सिविल लेखा सेवा समूह A आवंटित किया गया। हालाँकि वह अपनी रैंक बेहतर करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1996 में फिर से परीक्षा का प्रयास किया। और पहली रैंक का एआईआर हासिल किया और तमिलनाडु कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा शाखा आवंटित की गई।
- उन्होंने IAS का पद छोड़ने और अमेरिका जाने से पहले पांच साल तक एक आईएएस अधिकारी के रूप में काम किया है।
- वह राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (जिसे अब लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) कहा जाता है) में निदेशक के स्वर्ण पदक के प्राप्तकर्ता भी रह चुके है।
- 2019 में पंजाब सरकार ने उन्हें अर्थशास्त्र और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए गुरु नानक देवजी अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया।
- उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय में डीन की फैलोशिप प्राप्त की और अपने स्नातक कार्यक्रम में कॉलेज में प्रथम आने के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
- इकबाल वर्तमान में मैसाचुसेट्स में स्थित लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब के वैश्विक कार्यकारी निदेशक हैं।