आज हम बात करने वाले हैं मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली मोहिता शर्मा के बारे में , मोहित शर्मा ने कम संसाधनों में यूपीएससी की परीक्षा पास की है और कई युवाओं के लिए मिसाल साबित हुई है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मोहिता शर्मा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश कांगड़ा की रहने वाली है, अन्यथा उनकी पारिवारिक स्थिति अच्छी न होने के लिए उनके लिए यूपीएससी की तैयारी करना काफी कठिन था।
परंतु मोहिता के पिता ने मोहिता की पढ़ाई में किसी प्रकार की कमी नहीं रखी और यह मोहिता की लगन और मेहनत का कारण है कि आज वह कठिन परिस्थितियों को पार करके यूपीएससी अवसर बन पाई है।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि मोहित ने यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए कई बार प्रयास किए थे परंतु वह पांचवी बार मैं सफलता हासिल कर पाई।
मोहिता शर्मा मूल रूप से हिमाचल की रहने वाली थी परंतु उनका परिवार दिल्ली में आकर बस गया, मोहिता की मां एक घरेलू महिला हैं और उनके पिता एक मारुति कंपनी में कार्य करते थे।
परंतु पिता छोटी नौकरी करने के बावजूद भी अपने बेटी की पढ़ाई में किसी प्रकार की कमी नहीं रखते थे।
भले ही मोहिता यूपीएससी की परीक्षा को पास करने में चार बार असफल हुई परंतु अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण
और हमेशा गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ने के लिए तत्पर रहें और पांचवी बार यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस अफसर बन गई।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आईएस ऑफिसर मोहिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका से की थी।
इसके बाद उन्होंने भारतीय विद्यापीठ कॉलेज से इंजीनियरिंग की और अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2012 में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में जी जान से लग गई।
मोहिता को सही राह दिखाने वाला कोई नहीं था और यही कारण था कि महिता यूपीएससी की परीक्षा में चार बार असफल रहे परंतु हर बार उन्होंने अपनी गलतियों से सीख कर आखिर में पांचवीं बार सफलता हासिल कर ही ली।
इंटरनेट बन गया था वरदान
मोहिता बताती है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने बहुत सारी जानकारी इंटरनेट से उपलब्ध हो जाती थी और वह इन सारी जानकारी को इकट्ठा करके नोट्स बना लेती थी।
मोहिता अन्य विद्यार्थियों को यह सलाह देना चाहती है कि वह इंटरनेट का इस्तेमाल करके कई महत्वपूर्ण जानकारियों को इकट्ठा कर सकते हैं जिनसे वह अपनी तैयारी को और अधिक मजबूत कर पाएंगे और सफलता हासिल कर पाएंगे।
लेखिका : अमरजीत कौर
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