आज हम बात करने वाले हैं लतिका पाटिल के बारे में , 67 वर्ष की लतिका पाटील महाराष्ट्र के दहाणु के रहने वाली हैं, लतिका अपने पति अच्युत पाटिल के साथ मिलकर “औरा ग्रीन ” ( Aura Green ) नाम से एक फूड प्रोसेसिंग बिजनेस चलाती हैं , और अपने बिजनेस में वह कई प्रकार की सोलर मशीनों का इस्तेमाल करती है ।
लतिका पाटिल बताती है कि उनका परिवार शुरू से ही चीकू की खेती से जुड़ा हुआ है और वह 4 एकड़ जमीन पर चीकू उगाते थे , और इनके फॉर्म से चीकू आसपास के शहरों में निर्यात भी होते थे परंतु कई बार चीकू के फल का खराब हो जाने के कारण उन्हें इसका सही दाम नहीं मिलता था।
लतिका के पति अच्युत करीब 20 साल पहले चीकू के फल को धूप में सुखाकर प्रोसेसिंग करना शुरू किया था, और उस समय लतिका स्कूल में पढ़ाया करती थी। इस दौरान लतिका कहती है कि मैं शुरू से ही खेती में थोड़ी रुचि रखती थी परंतु वर्ष 2015 में रिटायर होने के बाद मैंने इसमें ज्यादा समय देना शुरू कर दिया ।
इस दौरान धीरे-धीरे लतिका ने चीकू के फल के साथ कई प्रयोग करने शुरू किए, नए नए आइडियाज पर काम करने के लिए लतिका ने कई ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया , और प्रोसेसिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया।
प्रोसेसिंग मैं भले ही थोड़ा अधिक वक्त लगता था परंतु यह फसलों को खराब होने से बचा लेता था , लतिका के प्रोसेसिंग बिजनेस में नया बदलाव लगभग 6 महीने पहले आया था ।
Solar Dryer द्वारा खेती बनी सफल बिजनेस
लतिका के पति लगभग 20 सालों से चीकू के फलों का प्रोसेसिंग करते थे परंतु उन्हें एक अच्छी गुणवत्ता नहीं मिल पाती थी परंतु तकरीबन 6 साल पहले , लतिका के बेटे निनाद ने उन्हें सोलर ड्रायर मशीन के बारे में बताएं।
लतिका बताती है कि बेटे द्वारा बताई गई सोलर ड्रायर मशीन के बारे में सुनने के बाद हमें काफी फायदेमंद का सौदा लगा इसलिए हमने मशीन को लिया और पहली बार इस्तेमाल करने के बाद हमें हमारा फायदा पता चल गया था और धीरे-धीरे हमने और मशीनें खरीदने शुरू की थी।
आज इनके पास लगभग 20 से अधिक सोलर ड्रायर मशीन है सोलर ड्रायर मशीन की कीमत लगभग 40 हजार रुपए है, इसके साथ ही साथ इन्होंने पास के कई किसानों को यह मशीन दी है और कई महिलाओं को इस मशीन को चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं , अब तो आसपास के गांव के कई किसान चीकू की खेती करके चीकू के फल को सुखाकर प्रोसेसिंग करने के लिए लतिका को देते हैं ।
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि इस सोलर ड्रायर मशीन में चीकू के साथ ही साथ केला प्याज के साथ ही साथ कई फसलों को सुख आया जा सकता है । लतिका कहती हैं कि इन मशीनों का इस्तेमाल करके उगाई गई सब्जियों का स्वाद और रंग काफी अच्छा और लंबे समय तक बना रहता है ।
लतिका बताती है कि उनका बेटा निनाद “औरा ग्रीन” के मार्केटिंग का सारा काम देखते हैं , इसके साथ ही साथ वह अपने प्रॉडक्ट्स देश के कोने-कोने में पहुंचा रहे हैं । इसके साथ ही साथ इनका दहाणु मैं “औरा ग्रीन” नाम से एक कैफे भी है जहां से लोग इनके प्रोडक्ट खरीद कर लेकर जाते हैं।
लतिका बताती है कि सोलर ड्रायर मशीन कई किसानों को फायदा पहुंचा रही है क्योंकि जो किसान चीकू के फल की खेती करते हैं उनकी खेती बहुत जल्द ही खराब हो जाती है क्योंकि चीकू का फल जल्द खराब हो जाता और इस
दौरान अगर चीकू के फल को धूप में सुखाकर इस्तेमाल किया जाए तो भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है परंतु इस दौरान अगर सोलर ड्रायर मशीन का उपयोग किया जाए तो किसानों को काफी फायदा होगा ।
लतिका बताती है कि आज सोलर ड्रायर मशीन का इस्तेमाल करके प्रोडक्ट्स को तैयार करके लोगों को बेचे जाते हैं और यह प्रोडक्ट्स लोगों को काफी अधिक पसंद आते हैं सोलर ड्रायर मशीन का इस्तेमाल करने के बाद मुनाफा 30% बढ़ गया है ।
लतिका का कहना है कि अगर अन्य किसान भी इस प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने काम को बढ़ाएं तो किसानों को भी काफी अधिक मुनाफा हो सकता है ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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