हर किसी के जीवन में उसकी बचपन की यादें जुड़ी होती हैं, कुछ यादें कड़वी होती है और कुछ यादें मीठी सुकून से भरी होती हैं, कभी-कभी अपने जीवन में हर व्यक्ति अपने बचपन की खट्टी मीठी यादों को याद करके इमोशनल हो जाता है ।
आज हम आपको आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश के बारे में बताने जा रहे हैं , हाल ही में राम प्रकाश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करके अपने बचपन की सार्वजनिक तौर पर याद को बताया है जो सोशल मीडिया पर काफी अधिक वायरल हो रहा है।
इस ट्वीट में आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश ने बताया कि किस प्रकार एक बकरी चराने वाला बच्चा आईपीएस अधिकारी बना, आइए जानते हैं आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश की संघर्ष की कहानी :-
यह है आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश मूल रूप से यूपी के मिर्जापुर के रहने वाले हैं । राम प्रकाश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई रोहनिया में स्थित श्रद्धानंद सरस्वती इंटरमीडियट कॉलेज से पूरी की थी।
राम प्रकाश ने वर्ष 2007 में 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण किया था, राम प्रकाश बचपन से पढ़ाई में जितने उत्तीर्ण थे इसके साथ ही साथ वह मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़कर अपने परिवार की जिम्मेदारी को भी संभालना चाहते थे ।
राम प्रकाश की परिवार की स्थिति अच्छी न होने के कारण उन्हें अपने परिवार की जिम्मेदारियों को उठाना पड़ता था इसलिए उन्हें पढ़ाई के साथ ही साथ बकरियों को चराने जाना पड़ता था ।
भले ही राम प्रकाश के हालात कितने भी मुश्किल थे परंतु फिर भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी लगातार पढ़ाई करते रहे , उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई पढ़नी शुरू की ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का सोचा।
राम प्रकाश की परिवारिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा था अन्यथा जब उन्होंने इस विषय में अपने परिवार
वालों से बात की तो परिवार वालों ने उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें तैयारी शुरू करने की अनुमति दे दी , और कुछ समय बाद राम प्रकाश ने यूपीएससी की परीक्षा की जोर शोर से तैयारी करनी शुरू कर दी ।
बचपन में चराते थे बकरियां
हाल ही में आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके बताया कि जून 2006 में मैं और मेरे दोस्त बकरियां चराने गए थे, वहीं पर हम आम की पेड़ की डाल पर
झूला झूल रहे थे झूला झूलते पेड़ की डाल टूट गई किसी को चोट तो नहीं लगी परंतु मार से बचने के लिए हमने पेड़ की डाल को उठा लाया इससे पता ही नहीं चल रहा था कि पेड़ की डाल टूटी भी है या नहीं ।
अपने पैतृक के गांव के किस्से को सुनाते सुनाते उन्होंने यह भी बताया कि उनका उनके दोस्तों के साथ बकरियां चराना और साथ में पढ़ाई करना यह एक रूटिन बन गई थी। भले ही आईपीएस
अधिकारी राम प्रकाश ने अपने बचपन में बकरियां चराई हो परंतु इनका सपना हमेशा से कुछ बड़ा बनने का था, फिर भी सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का उनका सपना काफी मुश्किलों से पूरा हुआ ।
6 वें प्रयास में हासिल की सफलता
आईपीएस अधिकारी राम प्रकाश की जितनी रोचक बचपन की कहानी थी उतनी ही संघर्ष उनके जीवन की कहानी है , राम प्रकाश को सिविल सेवा परीक्षा पास करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था ।
राम प्रकाश ने जब सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करनी शुरू की तो उन्हें लगा कि वह इस परीक्षा को आसानी से पास कर लेंगे परंतु ऐसा हो नहीं पाया , राम प्रकाश की रणनीति सही ना होने के कारण उन्हें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा परंतु उन्होंने हार नहीं मानी लगातार सफलता पाने की कोशिश करते रहे ।
लगातार प्रयास करने पर राम प्रकाश को 6 वें प्रयास में सफलता हासिल हुई , राम प्रकाश ने अपने 6 वें प्रयास में ऑल इंडिया में 162 वें रैंक हासिल की थी। लगातार प्रयासों करने के बाद
भी सफलता ना हासिल होने के कारण राम प्रकाश ने पढ़ाई करनी नहीं छोड़ी वह लगातार प्रयास करते रहे और आज आईपीएस अधिकारी बन गए हैं उनकी इस कामयाबी से उनके परिवार वाले काफी खुश हैं ।
राम प्रकाश की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हो सकती है जो मुश्किल हालातों के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं और असफलता हासिल होने के बाद संघर्ष करके पढ़ाई नहीं करते
हैं और उनके हाथ सफलता नहीं लग पाती है परंतु अगर आप असफलताओं को सीख बनाकर सफलता हासिल करने का प्रयास करें तो सफलता आपको अवश्य प्राप्त होगी।
लेखिका : अमरजीत कौर
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