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एक हाउसवाइफ जिसने परिवार की जिम्मेदारियों के साथ अपने जुनून को बनाए रखा और मिंत्रा पर बनी टॉप सेलर

एक हाउसवाइफ जिसने परिवार की जिम्मेदारियों के साथ अपने जुनून को बनाए रखा और मिंत्रा पर बनी टॉप सेलर
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राखी खेरा मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर अशोक नगर में पली-बढ़ी। उन्हें फैशन डिजाइनिंग का शौक था। वह फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी, लेकिन उस समय इस तरह का कैरियर बहुत कम लोग पसंद करते थे।

यही वजह थी कि रेखा के परिवार वाले नही चाहते थे कि वह फैशन डिजाइनर बने, इसलिए मजबूरी में राखी खेरा ने कॉमर्स में ग्रेजुएशन कर लिया साल 2013 तक वह अपनी परिवार की देखभाल में व्यस्त थी और आराम की जिंदगी जी रही थी।

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उनके दो बच्चे है, जिनको संभालने की जिम्मेदारी वह बखूबी निभा रही थी। इसी दौरान फैशन इंडस्ट्री के प्रति उनका रुझान दोबारा से होने लगा और इसमें उनके पति ने भी सहयोग दिया और मेटरनिटी वेयर पर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया।

इस तरह मिली प्रेरणा –

राखी खेरा कहती हैं कि जब वह प्रेग्नेंट थी तब उन्हें आरामदायक और स्टाइलिश मेटरनिटी वेयर ढूढने में परेशानी हो रही थी। तब उन्होंने साल 2013 में यह डिसाइड किया कि वह मेटरनिटी वेयर किराये पर दिया करेंगी।

यह व्यवस्था कुछ खास सफल नही हुआ। तब साल 2014 में उन्होंने फिर से एक नई शुरुआत की और 5 लाख का निवेश करके अपना खुद का एक फैशन ब्रांड शुरू किया, जिसमें वेस्टर्न वियर भी शामिल थे।

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इसके बाद वह अविता बेला इंटरप्राइजेज, जो कि एक इटालियन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है खूबसूरत कपड़े, का आइडिया उनके मन में आया। यह वह दौर जब भारत में ई-कॉमर्स तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय होना शुरू हुआ था।

पहले राखी खेरा ने फ्लिपकार्ट पर मेटरनिटी वेयर बेचने का काम शुरू किया। इस काम में वह ब्रांडिंग, कैटलॉग, अपलोडिंग, के बारे में सीख रही थी। जल्दी अविता बेला और माइन 4 नाइन नाम के दो और ब्रांड लांच कर दिए। इसके बाद मिंत्रा पर सेलिंग शुरू की।

आज अविता तबेला मिंत्रा पर टॉप सेलिंग मेटरनिटी ब्रांड के तौर पर जाना जाता है। खास करके ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म लाइम रोड के लिए यह काफी अच्छा है। यह कलर ब्लॉक नाम से साल 2017 में एक एक्सक्लूसिव ब्रांड के तहत लांच हुआ था। राखी खेरा का कहना है कि उनके सारे ब्रांड आज सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो गए हैं। मिंत्रा पर उन्हें सबसे अच्छे परिमाण मिल रहे है।

राखी खेरा बताती हैं कि डिजाइनिंग के काम के लिए उन्होंने फ्रीलांसर की एक टीम को आउट सोर्स के लिए तैयार किया। इसमें उन लोगों को शामिल किया जो एनआईएफटी से पढ़ाई किए हुए थे।

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ब्रांच के आउटफिट्स गुरुग्राम और फरीदाबाद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में तैयार होने शुरू हुए। उनके पास दो ब्रांड के लिए 800 से भी ज्यादा डिजाइन है। अब तक वह 9 लाख से भी ज्यादा ऑर्डर पूरी कर चुकी हैं।

राखी को अपने विभिन्न ब्रांड से साल 2018 में 3.4 करोड़ का टोटल रेवेन्यू मिला है। उन्हें उम्मीद है कि अगले साल यानी कि 2019-20 उन्हें 4.5 करोड़ की रेवेन्यू हासिल हो सकती है।

इतने कम समय में मिली अपार सफलता के लिए राखी खेरा वॉलमार्ट के विमेन एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम  की सहायता के बारे में का कहना है कि यह एक शानदार प्रोग्राम है जिससे जो कभी बिजनेस स्टडी के कई प्रोफेशनल कोर्स नहीं किया वो इससे काफी कुछ सीख सकते हैं।

राखी बताती हैं कि नोटबंदी के दौरान उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था लेकिन जहां इसकी वजह से मुश्किलें आई तो कुछ फायदा भी हुआ। कैश ऑन डिलीवरी के पेमेंट मोड वाले डिलीवरी में कमी आई और अब पेमेंट पूरी तरीके से डिजिटल हो गया।

राखी खेरा का कहना है कि महिलाओं को कभी भी जोखिम उठाने और चुनोतियों से डरना नही चाहिए बल्कि इसका डट कर मुकाबला करना चाहिए ।

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