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सुदृढ़ और सुरक्षित समाज की नींव है सशक्त न्याय व्यवस्था

strong justice system
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गंभीर अपराध के मामलो विशेषकर नाबालिगों के भियत अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध होने से आरोपी को सजा होने एक आपसी समझौतों के कारण अनेक उतार बढ़ाव आते हैं।

इससे प्रकरण की विश्वसनीयता एवं पीडित पक्ष द्वारा पेश हन्दी पर भी सवाल लगता है। में भी विधिक परिभाषा के अनुसार हत्या, सत्कार पर अधिनियम में दर्ज मामले और अन्य संगीन जुर्म अशमनीय अपराध है।

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इसका तात्पर्य है कि दोनों पक्ष परम्या सुलह व संधि के आधार पर प्रकरण का निपटारा स्वयं नाहीं कर सकते। ऐसे मामलों में लब्यों के आधार पर प्रकरण का अनुशीलन व निर्णय न्यायालय को ही केरना चाहिए।

ऐसे प्रकरणों को कोर्ट के बाहर सुत्ताराने के कई सामाजिक व विधिक सायने हैं। ऐसे प्रकरणों में परस्पर समीती का अध्ययन किया जाए, ती एक और आरोपी धनवान बाहुबार तथा जानमाल के खतरे का दबाव बसका पीड़ित एवं उसके परिजनों को समझौते के लिए जिया कर सकता है।

यह गलत है। ऐसी बनावटी और योनी व्यवस्था समाज व आमजन को वास्तविक प्याय प्रदान करने में विफल साबित होती है।

साथ ही यदि किसी गाय का स्वार्थ के कारण पीड़ित पक्ष आरोपी पक्ष से सत करता है या मिथ्या प्रकरण के जरिए आरोपी बापत है, तो या कानून का दुरुपयोग है। उलाफ हमें ट्रैप जैसे धुषित प्रकरण समाजही समानवता को भी शर्मसार करते हैं।

इसी प्रकरणों में सम्मरी के प्राथमिकी को खारिज या खास नहीं किय जाने का निर्णय पारित किया है। इसमें कोई संशय नहीं है कि ऐसे गभीर प्रकरणों का दुष्प्रभाव सम्पूर्ण समाज पर पड़ता है।

ये अपराध किसी एकति नहीं बल्कि सम्पूर्ण सम के खिलाफ होते हैं। ऐसे अपराधों के जरिए सामाजिक समरसता व ताने-बाने पर कठोर प्रहार कर मानवीय मूल्यों को किय जाता है।

ऐसे में यह सख्त व स्पष्ट संदेश देना आवश्यक है कि भारतीय न्याय प्रणाली किसी के हाथ की कठपुतली नहीं है। हर अपराधी को यह बोध होना चाहिए कि संगीन वारदात का अंजाम कानून प्रदत है जिसे किसी धनबल या बाहुच से प्रभावित नहीं कर सकता।

साथ ही स्वार्थ और लालच के कारण बनेकी गाज से मिथ्या प्रकरण दर्ज कराने वाले भी कानून के कटयों से नहीं बच सकते। न्यायिक दृष्टि से ऐसे समझौतों का कोई विधिक महत्व नहीं है।

ऐसे प्रकरणों की जाच महज मेरिट से ही होगी। स्पष्ट है कि अशमनीय संगीन अपराधों में समझौता करना, कराना एवं स्वीकार करना न्यायिक भाची आमजन के हितों के विपरीत है। गंभीर अपराध के परालको निपटने वाली सुरक्षित और समाज है।

बीएल भूरा

भाबरा जिला अलीराजपुर मध्यप्रदेश

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