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अमिता "प्रेरणा बुक बैंक" से जरूरत मंदो को मुफ्त में किताबे उपलब्ध करवा रही

Amita “प्रेरणा बुक बैंक” से जरूरत मंदो को मुफ्त में किताबे उपलब्ध करवा रही

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Amita sharma ने एक “प्रेरणा बुक बैंक” खोल रखा है जिसके जरिए जरूरतमंदों लोगों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। अमिता के प्रेरणा बुक बैंक के 65 केंद्र है और इसमें लगभग साढे तीन लाख किताबें हैं।

 इस बारे में Amita का कहना है कि बचपन में वह अपनी कई सहेलियों को किताबें न होने की वजह से पढ़ाई छोड़ते हुए देखे थे तो इसलिए बचपन से उनके मन में था कि वह कुछ ऐसा करें कि कम से कम कोई किताबों की कमी की वजह से अपनी पढ़ाई न छोड़े। उनका प्रयास रंग लाया और आज काफी लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।

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 अमिता गाजियाबाद में पली बढ़ी है और अभी मेरठ में अपने पति संजय शर्मा के साथ रह रही हैं। Amita कहती हैं कि बचपन में वे लोग गांव में दो ढाई किलो मीटर दूर स्कूल पढ़ने के लिए जाते थे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से पुरानी किताबों से ही पढ़ना पड़ता था।

लेकिन उन्होंने देखा कि उनकी कई सारी सहेलियां Old books भी नहीं खरीद पाती थी और इसलिए उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई। तो बस बचपन से ही अमिता के मन में यह बात आ गई कि वह कुछ करेगी।

School over करने के बाद उन्होंने कालेज की पढ़ाई शुरू की और साथ मे गांव के बच्चों को मुफ्त में ट्यूशन पढ़ाने लगी और गरीब बच्चों के लिए अपनी कोशिश से किताबों का बंदोबस्त वही कर देती थी।

 वक्त बीतने के साथ अमिता की शादी हो गई। अमिता के पति संजय शर्मा एक Coaching center के संचालक हैं और दोनों की सोच यह है कि हर बच्चे को पढ़ने का अधिकार मिलना चाहिए और जितना हो पाता है वह अपनी तरफ से पूरी मदद करते हैं। गरीब बच्चों की कोचिंग की फीस में वह रियायत भी देने की कोशिश करते हैं।

 बहुत सोच विचार करने के बाद Amita ने अपने पति संजय के साथ मिलकर साल 2016 में एक ‘प्रेरणा बुक बैंक’ की स्थापना की और उस समय उसमें 1100 किताबें उपलब्ध थी पर आज इसमें करीब साढे तीन लाख से भी अधिक किताबें हैं।

अमिता का कहना है कि यह प्रेरणा बैंक उन सभी छात्र छात्राओं के लिए, Government Job की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए और बड़े बुजुर्ग के लिए भी है । लोग अपनी रुचि के हिसाब से 1 महीने से 1 साल तक के लिए यहां से किताबें मुफ्त में ले सकते हैं। प्रेरणा बुक बैंक से किताबें लेने के लिए बस उन्हें अपने आधार कार्ड की एक फोटो कॉपी पहचान के रूप में जमा करनी होती है।

यह इसलिए किया गया क्योंकि बहुत सारे लोगों ने शुरू में किताबें तो ले ली लेकिन उन्हें वापस नहीं लौटाया और फिर उन्हें दूसरे लोगों को देने में परेशानी होने लगी।

Amita बताती हैं कि उनके प्रेरणा बुक बैंक में हर तरह की किताबें हैं स्कूल स्तर से लेकर कॉलेज स्तर तक के, सरकारी परीक्षाओं की, साहित्य से जुड़े किताबें भी है।

अमिता बताती है कि शुरू में वो लोगों के घर से जा जाकर रद्दी इकट्ठा करती थी और जब उसमें कोई सही सलामत किताब मिल जाती थी तो उसे अपने इस प्रेरणा बुक बैंक अभियान के लिए रख लेती थी और आज लोग फोन करके बुलाते हैं कि उनके पास किताबें हैं और वो आकर उन्हें ले जाएं।

अमिता बताती हैं कि वह इन 4 सालों में साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा किताबें इकट्ठा कर चुकी है और इसकी मदद से हजारों छात्र-छात्राओं की मदद करना संभव हो पा रही है।

अमिता की प्रेरणा बुक बैंक का मुख्य केंद्र विजयनगर है। लेकिन इसकी मांग बढ़ रही है और दूसरे कोनों में भी बुक बैंक शुरू किए गए हैं। आज प्रेरणा  बुक बैंक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड तक फैल चुका है और इसके कुल 65 केंद्र हैं। Amita लोगों को जागरूक करती हैं कि वो आपने पुरानी किताबें इकट्ठा करके उन्हें उनके केंद्र पर दे।

अमिता बताती हैं कि राहुल नाम के एक लड़के ने प्रेरणा बुक बैंक की किताबों की मदद से ही एसएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। ग्रेजुएशन के बाद राहुल एक्सटर्नल अफेयर्स परीक्षा की तैयारी करना चाहते थे लेकिन जब वह किताबों के लिए दुकान पर गए तो किताबी काफी महंगी थी और उनके घर के हालात अच्छे न होने की वजह से वह हजारों रुपए किताबें नहीं ले सकते थे, फिर उन्हें प्रेरणा बुक बैंक के बारे में पता चला और वहां से उन्हें मदद मिली।

राहुल के अलावा एक लड़की ने इस बुक बैंक की मदद से यूपी टेट पास किया है और शिव नाम के एक लड़के ने भी पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा पास की है। यह Amita की प्रेरणा बुक बैंक की मदद से ही संभव हुआ है।

अमिता कहती है कि मदद करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। छोटी-छोटी चीजों और कोशिशों से शिक्षा में मदद करके बहुत ज्यादा मदद की जा सकती है।

 

 

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