आज हम बात करने वाले हैं सुधांशु कुमार के बारे में, सुधांशु कुमार मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के नयानगर गांव के रहने वाले हैं । सुधांशु कुमार को उनके पिता ने बचपन से ही ऊंचे और नामी स्कूलों से शिक्षा प्रदान करवाई ।
सुधांशु कुमार ने अपने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई दिल्ली के हंसराज कॉलेज से पूरी की थी, इसके बाद वर्ष 1981 में इन्हें मुन्नार के टाटा के गार्डन में नौकरी मिल गई थी।
नौकरी के दौरान अच्छी सैलरी मिलने के बावजूद भी सुधांशु अपने काम से खुश नहीं थे और इसी दौरान उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और बिहार अपने पैतृक के घर वापस लौट आए।
नौकरी छोड़ी तो प्रॉपर्टी से निकाल दूंगा
सुधांशु ने अपने पैतृक के घर लौटने के बाद अपने पिता के सामने खेती करने का प्रस्ताव रखा , इस दौरान उनके पिता को लगा कि सुधांशु की स्थिति कुछ सही नहीं है इसलिए उन्होंने समझाने का पूरा प्रयास किया परंतु सुधांशु अपनी जिद पर अड़े रहे ।
सुधांशु कहते हैं कि उनके पिता ने उन्हें कहा कि गांव वाले क्या कहेंगे उच्च शिक्षा प्राप्त कराने के बाद भी बेटा खेती कर रहा है अगर तुम इस तरह का कदम उठाओगे तो मैं तुम्हें जायदाद से बेदखल कर दूंगा ।
परंतु सुधांशु ने कहा मुझे एक मौका देकर तो देखिए, परंतु जब सुधांशु ने खेती शुरू की तो गांव वालों ने उनका काफी मजाक उड़ाया परंतु सुधांशु ने इन सब को अनदेखा करते हुए लगातार कोशिश की और पारंपरिक खेती से आज आधुनिक खेती की ओर बढ़ गए हैं ।
सलाना कमा रहे हैं 40 – 50 लाख
अपनी नौकरी को छोड़ कर सुधांशु कुमार , 31 वर्ष से लगातार खेती कर रहे हैं और सुधांशु कुमार को बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के द्वारा भी कई बार सम्मानित किया जा चुका है ।
सुधांशु कुमार ने खेती की परिभाषा को बदल दिया है और आज एक किसान के रूप में 40 से 50 लाख कमा लेते है , इसके साथ ही साथ उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कई किसान सम्मेलनों को संबोधित भी किया है ।
सुधांशु कुमार का कहना है कि खेती और किसानों के प्रति लोगों का नजरिया बदलना काफी आवश्यक है क्योंकि इस दौरान ही हमारे देश का विकास हो पाएगा , आज सुधांशु कुमार Indian Farmers Network के महासचिव हैं ।
लीची की खेती ने सबको चौंका दिया
उत्तर भारत लीची की खेती के लिए सबसे अधिक चर्चा में रहता है परंतु सुधांशु कुमार ने लीची की खेती इस नई तकनीक से की है कि यह एक अत्यधिक चर्चा का विषय बन गई है , और यह अपनी नई तकनीकों के दौरान खेती करके मुनाफा भी काफी अधिक अर्जित करते हैं ।
सुधांशु कुमार आम की खेती करने का पूरा तरीका बदल दिया हैं कई आमों का उत्पादन करने के लिए रिसर्च भी कर चुके हैं, इसके लिए वह डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कई तरह की फसलें तैयार कर चुके है ।
करते हैं नए जमाने की खेती
सुधांशु कुमार का कहना है कि अगर सभी किसान सही तरीके से खेती करें तो वह दोगुना क्या 4 गुना मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।
वह कहते हैं कि बिहार के किसान मक्का की खेती के कारण काफी अधिक परेशान रहते हैं परंतु आज हमने कंपोस्ट ही बदल दिया है और आज एक रुपए की लागत लगाते हैं और 2 रूपय का मुनाफा कमाते हैं ।
सुधांशु कुमार ने करीब 2000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया है, सुधांशु कहते हैं कि मैं जब भी किसी किसान से मिलता हूं तो उन्हें कहता हूं अपनी कमाई दोगुना नहीं बल्कि 4 गुना करने के बारे में सोचिए अर्थात पारंपरिक खेती को छोड़कर नई तकनीकों का उपयोग कीजिए ।
खेती में आधुनिकता के विषय में कहते हुए सुधांशु कुमार कहते हैं कि हम फलों की सिंचाई करने के लिए स्पींकलर का इस्तेमाल करते हैं जिससे घर बैठे पेड़ पौधों की सिंचाई की जा सकती है ।
आज सुधांशु कुमार अपनी नौकरी को छोड़ कर खेती करके 40 से 50 लाख आसानी से कमा लेते हैं , और इसके साथ ही साथ कई किसानों को खेती के नए तरीकों का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं , एवं कई किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रहे हैं ।
लेखिका : अमरजीत कौर
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