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यह इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर 25% पैसे की करेगा बचत, साथ ही जहरीली गैसों को नियंत्रित करने में है मददगार

इन दिनों देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में किसानों के लिए खेती करना और भी चुनौतीपूर्ण बन गया है। किसान बेहद चिंतित है।

ऐसे में किसान की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर तैयार किया गया है। इसके इंजन की क्षमता डीजल इंजन की क्षमता के बराबर है। साथ ही इससे वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

ई ट्रैक्टर के मॉडल को विश्वविद्यालय की कॉलेज आफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा बनाया गया है। देश के किसी भी विश्वविद्यालय में ई ट्रैक्टर को लेकर यह अपने आप में पहला शोध है।

इस प्रोजेक्ट को फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक एवं निर्देशक डॉ मुकेश जैन की निगरानी में पूरा किया गया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत आज से लगभग 2 साल पहले की गई थी

डॉक्टर जैन बताते हैं कि एक अनुमान के अनुसार देश में फिलहाल 80 लाख ट्रैक्टर मौजूद है। हॉर्स पावर से कम के ट्रैक्टरों द्वारा हर साल लगभग 46 लाख टन खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन हो रहा है, जो कि पर्यावरण के लिए काफी घातक है।

यदि डीजल इंजन के जगह बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टरों को लोग अपनाने लगे तो इससे बड़े पैमाने पर प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

देश में खेती के लिए औसत बिजली की उपलब्धता 2.5 किलो वाट प्रति हेक्टेयर के आसपास है। जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 15 किलो वाट के आसपास है।

इस भारी अंतर का कारण मशीनीकरण है। बैटरी से चलने वाले ट्रैक्टर को बढ़ावा देने से मशीनीकरण के स्तर पर बढ़ावा दिया जाए तो इस अंतर को कम करने में मदद मिलेगी।

इस तरह से है ट्रैक्टर की डिजाइन

डॉ मुकेश जैन की निगरानी में रिसर्च कर रहे वेंकटेश बिंदु बताते हैं कि इस इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर को चलाने के लिए 16.2 किलो वाट आयन बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 12 किलो वाट का इलेक्ट्रिक ब्रशलैस डीसी मोटर भी लगाई गई है।

जो कि 72 वोल्ट के करंट से चलती है। यह 1 मिनट में 2000 बार घूमती है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर की बैटरी को पूरी तरह से फुल चार्ज करने के लिए लगभग 9 घंटे का समय लगता है।

बैटरी को चार्ज करने के लिए 20 यूनिट बिजली की जरूरत पढ़ती है। इस सुविधा को और भी बेहतर करने के लिए इसमें फास्ट चार्जिंग का विकल्प दिया गया है। जिससे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की बैटरी को मात्र 4 घंटे में ही चार्ज किया जा सकता है।

एक बार ट्रैक्टर को चार्ज करने के बाद 1.5 टन के ट्रेलर के साथ 80 किलोमीटर तक इसे चलाया जा सकता है। इस ट्रैक्टर की अधिकतम गति 23.17 किलो मीटर प्रति घंटा की क्षमता है।

यानी कि यह बाहर खींचने और आगे बढ़ने में काफी बेहतर है। यह ट्रैक्टर 770 किलो भार उठाने की क्षमता रखता है।

इस तरह से यदि इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का इस्तेमाल डीजल ट्रैक्टर की तुलना में किया जाए तो प्रति घंटे 15 से 25% तक पैसे की बचत की जा सकती है।

डॉ जैन इस इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्टर के बारे में कहते हैं कि फिलहाल यह ट्रैक्टर मार्केट में नहीं आ पाया है। हमने इसे प्रोटोटाइप के लिए ही तैयार किया गया है। लेकिन जल्द ही इस ट्रैक्टर को मार्केट के लिए भी लांच कर दिया जाएगा।

 

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