ADVERTISEMENT

छोटी सी बात : वास्तविकता से मुलाकात

Chhoti si baat
ADVERTISEMENT

छोटी सी बात भी जीवन में कभी-कभी वास्तविकता से मुलाकात करा देती है । एक जलेबी जो खुद टेढ़ी मेढ़ी शक्ल वाली होती है लेकिन हमको जीवन की बहुत बड़ी सिख देती है।

जीवन के सफ़र में उतार , चढ़ाव आदि – आदि आते रहते है लेकिन इन सबमें हमको मिठास को नहीं भूलना चाहिये । मैं मानता हूँ कि यह कहना जितना सरल है उतना इसको जीवन के आचरणों में लाना बहुत – बहुत कठिन होता है क्योंकि सर्वप्रथम स्वयं ही आत्मा के साथ युद्ध में परास्त हो जाते है परन्तु हमारी कोशिश सदैव अच्छी की रहेगी तो इसके परिणाम भी हमको सुखद मिलेगे ।

ADVERTISEMENT

गाँव में नीम के पेड़ कम हो रहे है और दिलों में कड़वाहट बढती जा रही है । मानव मन सिर्फ़ और सिर्फ़ आपस के गिले-शिकवे की गाँठो में ही रह जाता है व गन्ने की गाँठो की तरह न मन की मिठास के तार जुड़ते है न शुद्धि से गाँठे खुलती हैं।

जीवन गन्ने की तरह ना होकर जलेबी की तरह रहे जो अपने मन के छिद्रों से विचारों की ग्रंथि के शुद्द स्त्राव को मिठास की झंकार से कर्णप्रिय जीवन बना देती हैं।

ADVERTISEMENT

जुबान पर हर वक्त मिठास की बंसी बजती हैं तो मन सभी के लिए प्रेरक, सक्रिय और स्वभाव से धीर-गंभीर, सरल-तरल, निश्छल, जैसे बहता नीर आदि वाणी से मीठी खीर बन जाता हैं। इसलिये कहा गया है कि जीवन में उलझनें कितनी भी हों रसीले और मधुर बने रहो।कड़वाहट न खुद में रखो न दूसरों के मन में भी होने दो।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़ )

यह भी पढ़ें :-

नकारात्मकता-सकारात्मकता

ADVERTISEMENT

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *