बिहार समेत भारत के कई राज्यों में कई युवा नौकरी के लिए दर-दर भटकते हैं , परंतु हर व्यक्ति की नौकरी नहीं लग पाती है। इस दौरान ही भोजपुर के रहने वाले दीपक कुमार की नौकरी भी नहीं लगी थी परंतु उन्होंने फूलों से अपने जीवन को गुलजार बना लिया है ।
दीपक को डिफेंस की नौकरी नहीं हासिल होने पर दीपक ने परंपरागत खेती को छोड़कर फूलों की खेती करना शुरू कर दी थी , इस दौरान आज वह गेंदे की कई प्रजातियां उगाते हैं और समारोह के सीजन में प्रतिदिन 5 हजार से अधिक कमाई कर लेते हैं।
जानकारी के लिए आप सभी को बता बेनुआ टोला निवासी उपेंद्र कुमार के 24 वर्ष पुत्र दीपक कुमार , डिफेंस में जाना चाहते थे इस दौरान उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कई सरकारी परीक्षा भी दी बहाली के लिए दौड़ की परीक्षा भी दी परंतु उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हो पाई ।
इस दौरान उन्होंने घर वापस लौटने का निश्चय किया हालांकि दीपक कुमार के परिवार वाले शुरुआत से ही परंपरागत खेती करते हैं और धान गेहूं उगाते हैं तो इस दौरान दीपक ने परंपरागत खेती से हटकर फूलों की खेती करने का निश्चय किया ।
बिहार के कई इलाकों में करते हैं फूलों की सप्लाई
दीपक के फूलों के खेतों से बिहार के कई इलाकों में जैसे विक्रमगंज, सासाराम, डिहरी, कैमूर भभुआ, बक्सर,आरा, पीरो, बबुरा, पटना इत्यादि कई क्षेत्रों में फूलों की सप्लाई अधिक होती है और समारोह और त्योहारों के सीजन में एवं मंगलमय कार्यों में एवं कई सरकारी कार्यक्रमों में भी फूलों की सप्लाई की डिमांड काफी अधिक बढ़ जाती है ।
दीपक बताते हैं कि मैंने नौकरी के लिए काफी अधिक कोशिश की परंतु मेरी नौकरी नहीं लगी । इस दौरान मैंने परिवार का पालन पोषण सोच कर परंपरागत खेती से हटकर फूलों की खेती करना शुरू किया और आज वह महीने का काफी अधिक मुनाफा कमा लेते हैं ।
यूट्यूब से सीखी फूलों की खेती
दीपक बताते हैं कि उन्होंने फूलों की खेती यूट्यूब से सीखी थी , दीपक कहते हैं कि मैंने यूट्यूब से फूलों की खेती करने का पूरा प्रशिक्षण लिया और इस दौरान ही मैंने फूलों की खेती करना शुरू की इस दौरान फूलों की खेती करने से धीरे-धीरे कमाई बढ़ती गई और आज कमाई इतनी अधिक हो गई है कि मेरी जिंदगी फूलों की तरह महक उठी है ।
आज दीपक अपनी सफलता के कारण अपने गांव में फूलों वाले दीपक के नाम से जाने जाते हैं और इनके फूलों की डिमांड ना केवल बिहार इसके साथ ही साथ कई राज्यों में होती है ।