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Dr. Anshu jain ki kahani

डॉ. अंशु जैन की कहानी जिसने 10/4 की बालकनी में लगाए हैं 100 से अधिक पौधे और हर पौधा है एक DIY पॉट में

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आज हम बात करने वाले हैं गाजियाबाद की रहने वाली डॉ. अंशु जैन के बारे में , जो अपने घर से किसी भी प्लास्टिक बोतल और खाली डब्बे को फेंकती नहीं है, इन सभी चीजों को रचनात्मक रूप से इस्तेमाल करने के लिए इन्हें एक नया रूप देती है इसके साथ ही साथ इनका इस्तेमाल करके अपनी छोटी सी बालकोनी में बहुत सारे पौधे लगाती हैं।

डॉ. अंशु जैन मूल रूप से गाजियाबाद की रहने वाली है और बचपन से ही पर्यावरण के प्रति काफी जागरूक रही है और रचनात्मक रूप से पर्यावरण प्रेमी है। इसके साथ ही साथ पेड़ पौधे लगाना हो या फिर बेकार की चीजों को सवारना यह कार्य वह बखूबी निभा लेती हैं, वह इस बात का पूरा

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ध्यान करती है कि उनके घर से कम से कम कचरा बाहर जाए। वह प्लास्टिक की बोतलों और खाली डिब्बों को सजा कर खूबसूरत गमले तैयार करती हैं और उसमें कई पौधे लगाती हैं इसके साथ ही साथ पेन स्टैंड, यूटिलिटी स्टैंड भी बनाती है।

इतना ही नहीं अंशु ने अपने घर पर अलग-अलग साइज की ढक्कन का इस्तेमाल करके खूबसूरत वॉल डेकॉर भी बनाया है, और दूसरी तरफ ऑनलाइन शॉपिंग करने के बाद घर पर आने वाले डिब्बों की मदद से उन्होंने बच्चों के कमरों के लिए रैक भी तैयार किए हैं, इतना ही नहीं उनके घर पर लगे सजावटी कई सामान उन्होंने खुद रीसायकल करके तैयार किए हैं।

अंशु बताती है कि वह रिसाइकल करके कई नई चीजों को तैयार करती है इसके लिए वह अपने घर के सारे कचरे को जमा करके रखती है जरूरत पड़ने पर उन्हें रिसाइकल करके खूबसूरत डिजाइन देकर कुछ नया तैयार करती है, इसके साथ ही साथ अंशु बताती है कि आज ना केवल मैं मेरी बेटियां भी रीसायकल करके कई सामानों को तैयार करना सीख गई है।

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि अंशु जैन 45 वर्ष की है और इंटर कॉलेज में इंग्लिश पढ़ाती है इसके साथ ही साथ कई क्रिएटिव चीजें भी तैयार करती हैं।

छोटी सी जगहों में उगाए गए हैं 100 पौधे

अंशु कहती है कि मैं मूल रूप से ग्वालियर की निवासी हूं परंतु जब शादी करके गाजियाबाद आई तो यहां पर पेड़ पौधों से भरा गार्डन बनाने का एक शौक था, परंतु बड़े शहरों में पौधे लगाने के लिए जगह काफी कम होती है

इसके बावजूद उन्होंने अपने 10/4 फिट की बालकोनी में एक काफी सुंदर और खूबसूरत वर्टिकल गार्डन तैयार किया है , अपने इस गार्डन में वह कई प्रकार के फूल और सजावटी फूलों को उगाती है इसके साथ ही साथ आज उनके बालकनी गार्डन में 100 से अधिक पौधे हैं।

इस दौरान अंशु कहती है कि उनके बालकनी गार्डन में कई पौधे बेकार के डिब्बों को रिसाइकल और उसे नए डिज़ाइन देकर  लगाए गए हैं, इसके साथ ही साथ अंशु अपने बालकनी गार्डन में फूलों के पौधों के साथ-साथ मौसमी सब्जी जैसे टमाटर, शिमला मिर्च ,धनिया आदि भी उगाती हैं।

अंशु ने हाल ही में अपना एक यूट्यूब चैनल भी तैयार किया है जहां पर वह लोगों को ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं को रिसाइकल करने की प्रेरणा देती है, वह कहती है कि मेरी सोच से प्रेरित होकर मेरी बेटियां भी मेरी मदद करती है और मेरी छोटी बेटी 12 साल की है और वही मेरी यूट्यूब की वीडियो को एडिटिंग करने का पूरा कार्य करती है।

अंशु बताती है कि जब भी मेरे घर पर कोई ना कोई मेहमान आता है तो हमारे घर में लगे सजावटी सामान और बालकनी गार्डन को देखकर उससे प्रेरित होकर ही जाता है,  अंशु प्लास्टिक को  रिसाइकल करके उसका इस्तेमाल तो कर ही रही है और भी लोगों को प्लास्टिक और अन्य वेस्ट पदार्थों को रिसाइकल करके उनका उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

लेखिका : अमरजीत कौर

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